कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने देश के लाखों पेंशनर्स को बड़ी खुशखबरी दी है। ईपीएफओ ने 105 करोड़ रुपए के एरियर के साथ 868 करोड़ रुपए की पेंशन जारी की है। अब इस सुविधा को उन लोगों के लिए बहाल कर दिया गया है, जिन्होंने 25 सितम्बर 2008 को या उसके पहले इसका विकल्प चुना था। कर्मचारी पेंशन योजना के तहत पेंशन फंड से आंशिक निकासी की सुविधा (कम्युटेशन) बहाल करने के फैसले को लागू करने के बाद अब यह रकम जारी की गई है।
अगस्त 2019 में श्रम मंत्री की अध्यक्षता में ईपीएफओ का फैसला लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने 6.3 लाख पेंशनभोगियों के लिए कम्युटेशन की सुविधा बहाल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। इसके तहत पेंशन में अगले 15 साल तक एक तिहाई की कटौती होती है और घटी हुई राशि एक मुश्त दे दी जाती है। 15 साल बाद पेंशनभोगी पूरी राशि लेने का हकदार होता है।
सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक, पहले कम्युटेड पेंशन को बहाल करने का कोई प्रावधान नहीं था और पेंशनर्स को कम्युटेशन की एवज में जीवन भर कम पेंशन मिलता थी। मंत्रालय ने कहा है कि कर्मचारी पेंशन स्कीम 1995 के तहत यह पेंशनर्श के फायदे के लिए उठाया गया ऐतिहासिक कदम है। श्रम मंत्रालय ने 25 सितंबर 2008 को या उसके पहले ईपीएफओ के पेंशन कोष से आंशिक निकासी की सुविधा का लाभ उठाने वाले पेंशन पाने वालों के लिए पेंशन कम्यूटेशन रिस्टोरेशन की सुविधा दिए जाने को लेकर अधिसूचना 20 फरवरी को जारी की थी। इस फैसले से 6.3 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित हुए हैं।