सामरिक क्षमता के विस्तार का क्रम आगे बढ़ाते हुए भारत ने सोमवार को दुनिया की सबसे तेज गति से मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एडवांस वर्जन का सफल परीक्षण किया। 400 किलोमीटर दूर तक मार करने वाली इस मिसाइल की रफ्तार ध्वनि की गति से भी 2.8 गुना ज्यादा तेज है। ओडिशा के चांदीपुर तट पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) तथा चांदीपुर के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आइटीआर) के वरिष्ठ अधिकारियों और विज्ञानियों के दल ने सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर इसका परीक्षण किया।
मिसाइल की ये हैैं खूबियां:
-इसे जल, थल व नभ से पोत, विमान अथवा मोबाइल लांचर के जरिये छोड़ा जा सकता है।
-यह किसी भी दिशा में घूमकर लक्ष्य को भेद सकती है और अपने साथ 300 किलो वजन तक का विस्फोट ले जाने की क्षमता रखती है।
-मिसाइल 8.4 मीटर लंबी और 0.6 मीटर चौड़ी है, जबकि इसका वजन तीन हजार किलोग्राम है।
-यह मिसाइल घनी शहरी आबादी में भी छोटे लक्ष्य को सटीकता से भेदने में सक्षम है।
-भारत और रूस के विज्ञानियों के संयुक्त प्रयास से बनी ब्रह्मोस मिसाइल के कई वर्जन का परीक्षण्ा पहले ही किया जा चुका है।
-डीआरडीओ लगातार इसके एडवांस वर्जन बनाकर इसका क्षमता में वृद्धि कर रहा है। इसका एक बेड़ा भारतीय सेना में शामिल है।
-ब्रह्मोस मिसाइल का पहला परीक्षण 12 जून 2001 को आइटीआर चांदीपुर से ही किया गया था।
-ब्रह्मोस नाम भारत की पवित्र नदी ब्रह्मापुत्र और रूस में बहने वाली मोस्कवा नदी के संयुक्त नाम का प्रतिनिधित्व करता है।