हर बात का अर्थ दो तरह से सामने आता है एक तो सकारात्मक और एक नकारात्मक यह हम पर निर्भर करता है कि हम उसके किस तत्व को अपनाते हैं। सकारात्मक तत्व को की नकारात्मकता। जीवन में आगे जीने के लिए कभी-कभी नकारात्मकता भी झेली जाए। जब तक हमें विषम परिस्थितियों का सामना करना नहीं पड़ेगा तब तक हमें एहसास कैसे होगा कि हम सफलता की ओर अग्रसर है भी या नहीं। हमने जिस कार्य को करने का बीड़ा उठाया है उसमें हम कितना अपना सामर्थ्य लगाएं हैं। कैसे आगे बढ़े हैं। जब तक हमारे सामने बड़ा चैलेंज नही होगा तब तक हम आगे बढ़ने के लिए उतने सजग नही होंगे जितना होना चाहिए।