हमेशा हम बड़ों से सुनते हैं सच का साथ दो, हमेशा सच बोलना चाहिए। क्या कभी ये सोचा है सच बोलने के लिए सभी क्यों सीख देते है। इसका कारण इसकी सार्थकता में हैं। जब हम सच की राह पकड़ते हैं तो चुनौती तो कई आती है पर इससे निपटने का जज्बा भी हमे साथ मिलता है।
अगर हम झूठ की राह पकड़ते हैं तो हमें साथ भी झूठ का ही मिलता है जो भले ही कुछ मिनटों के लिए सफल नजर आया जरूर है पर होता नही हैं। इस लिए आवश्यक है की धीरज के साथ सच की राह पर चलें सफलता निश्चित मिलेगी।









