सक्ती। नगर का पैठु तालाब कभी अपने सफाई को लेकर परेसान था तो अब उसे छोटा किए जाने को लेकर परेशान दिख रहा है। कहने में बड़ा अजीब लगता है कि तालाब अपने ऊपर हो रहे अत्याचार पर आंसू बहा रहा है। मगर नगर में इनदिनों पैठु तालाब के अस्तित्व पर बात आ गई है। कई वर्षों से तालाब की सफाई नहीं हुई थी जिसके कारण तालाब का पानी पूरी तरह से हरा हो गया था, और आमजन भी तालाब को निस्तारी पर उपयोग नहीं कर पा रहे थे। गत कुछ दिनों पूर्व उक्त तालाब पर अहाता निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया, वहीं उक्त निर्माण कार्य में तालाब के मूल स्वरूप के साथ छेड़छाड़ किया गया है। बता दें कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय द्वारा भी कहा गया है कि सार्वजनिक उपयोग वाली वस्तुओं पर किसी भी तरह से छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता है। मगर ठेकेदार द्वारा मनमानी करते हुए पैठु तालाब के अस्तित्व के साथ छेड़छाड़ करते हुए मूल स्वरूप को छोटा कर दिया है। स्थानीय लोगो का कहना है कि एक तो बारिश के करीब निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया वहीं तालाब का पानी जरूर निकाला गया मगर गंदगी साफ करने और तालाब गहरीकरण करने का कोई कार्य नहीं किया गया, सिर्फ ठेकेदार द्वारा तालाब के मूल स्वरूप को छोटा करते हुए चारों ओर अहाता बनाया जा रहा है।