हार्ट अटैक या स्ट्रोक को रोकने या उसके खतरे को कम करने के लिए डाक्टर अक्सर एस्पिरिन की हल्की डोज लेने की सलाह देते हैं। मगर अमेरिकी विशेषज्ञों के एक पैनल का मानना है कि ऐसे कई सुबूत मिले हैं, जिससे यह पता चलता है कि एस्पिरिन से लाभ कम नुकसान अधिक होता है। यह ठीक है कि कभी इसी एस्पिरिन को दिल की बीमारी के खिलाफ लड़ाई में सबसे सस्ता हथियार माना जाता था।
अमेरिकी पैनल ने इसको लेकर दिशानिर्देश तैयार किए हैं। इसमें कहा गया है कि डाक्टरों को पहले हार्ट अटैक या स्ट्रोक के उच्च जोखिम वाले लोगों को नियमित रूप से एस्पिरिन की हल्की डोज लेने का सुझाव नहीं देना चाहिए। यह पैनल 2016 में की गई अपनी उस सिफारिश को भी वापस लेने की योजना बना रहा है, जिसमें कोलोरेक्टल कैंसर की रोकथाम के लिए एस्पिरिन की हल्दी डोज लेने का सुझाव दिया गया है। उस समय इसे उल्लेखनीय दिशानिर्देश करार दिया गया था।
इस संबंध में पैनल का कहना है कि नए आंकड़ों से कैंसर के उपचार में इसके इस्तेमाल को लेकर सवाल उठे हैं, इसलिए इसको लेकर और अनुसंधान किए जाने की आवश्यकता है।