कारण करियर, पढ़ाई और रिलेशन
बॉलीवुड एक्टर सुशांत की सोसाइट की खबर ने हर किसी को झंझोर कर रख दिया है। मौत का कारण डिप्रेशन कहा जा रहा है। डिप्रेशन का शिकार सिर्फ सेलिब्रिटी ही नहीं बल्कि आम लोगों भी हो रहे हैं। मनोचिकित्सकों की माने तो यूथ में डिप्रेशन जैसी बीमारी ज्यादा पांव पसारती नजर आ रही हैं, जिसका मुख्य कारण समय के पहले उंची उड़ान भरना, रिलेशन अच्छे न होना देखने में आया है।
पिछले कुछ समय में डिप्रेशन के केस में भारी इजाफा हुआ है। डाक्टर दीपक जायसवाल,एमडी,मेडिसिन की मानें तो उम्र के अनुसार मरीजों के लक्षण भी अलग अगल नजर आ रहे हैं। 16 से 20 तक के उम्र के यूथ में पढ़ाई मुख्य कारण होता है। 20 से 25 साल की उम्र में यह कारण बदल कर करियर हो जाता है। 25 से 35 तक की उम्र के लोगों में करियर, पैसा और आपसी रिलेशन एक बहुत बड़ा फैक्टर देखा जाता है। जैसे-जैसे प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है डिप्रेश्न के मरीज भी समाने आ रहे हैं। कुछ यूथ में फ्रेंडशिप और ब्रेकअप होना भी अहम कारण सामने आया है। ऐसी बातें आमतौर पर युवा अपने घर वालों से छुपाते हैं और डिप्रेशन बढ़ने लगता है। 35 से अधिक की उम्र के मरिजों में आपसी संबंध और पारीवारिक विवाद भी एक कारण देखने को मिलता है।
बातों को छुपाना हो सकता है घातक
अपने मन की बातों को किसी के साथ शेयर करना बेहद जरुरी है चाहे आप दुखी हो या परेशान हो उसे किसी को बताना चाहिए। ये कहना है मनोचिकित्सक आनंद दुबे का। वे कहते हैं कि आज के समय में यूथ सोशल नहीं है। मन में ही सारी बातें रखते हैं, जो घाटत हो सकता है। पिछले 3 माह में डिप्रेशन के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है इसका कारण लॉकडाउन और कोविड भी है। लोग अपने घरों में सीमित हो गए हैं। लोगों से मिलना और बात करना नहीं के सामन रहा है ऐसी स्थिति में नकारात्मक विचार ज्यादा आते है।
अभिनेता सुशांत के लिए भी उनका कहना यही था। घर तक सीमित होने के कारण उनका डिप्रेशन बढ़ता गया जिसे वे कंट्रोल नहीं कर पाए और आज परिणाम सामने है। आमतौर पर देखा जाता है लोग डिप्रेशन में होने को एक्सेप्ट नहीं कर पाते। डाक्टर के पास जाने से कतराते है, जो कि गलत है। अगर सही समय में डॉक्टर का इलाज शुरु कर लिया जाए तो वो स्थिति संभलने लायक हो सकती है। लोगों में सामाजिक न होना भी एक बहुत बड़ा कारण है आज की पीढ़ी का सबसे बड़ा प्राइवेट स्पेस उसका मोबाइल है जिसके कारण वो घर और परिवार के लोगों के साथ चाह कर भी इनवाल्व नहीं हो पाता है और स्थितियां असमान्य होने लगती है।
डिप्रेशन के लक्षण
निंद न आना, या फिर अधिक नींद आना
निराशा महसूस होना
भविष्य में कोई संभावना नजर नहीं आना और शून्य नजर आना
नशे की लत लगना
डाइट कम होना
आत्महत्या की बातें मन में आना
किसी से बात करने का मन नहीं करना
डिप्रेशन से बचने के लिए क्या करें
अपनी दिनचर्या में मेडिटेशन को शामिल करें।
म्यूजिक सुने।
बाहर नहीं निकल पा रहे हैं तो फ्रेंडसर्कल में और परिवार के लोगों से फोन पर बात करें।
कुछ मोटिवेशनल बुक पड़ें।