पिथौरा। विकासखंड पिथौरा में कई स्कूलों में की छत से पानी टपकता है तो किसी स्कूल के भवन से मलबा गिरता है बारिश के दिनों में हालात यह होते हैं छुट्टियां करनी पड़ती है। क्षेत्र में ऐसे जर्जर भवन में जिंदगी दांव में लगा कर शिक्षा ग्रहण करने मजबूर हैं बच्चे। कहने को ही जगह पर मॉडल स्कूल विकसित किया जा रहा है लेकिन नगर के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी छात्र-छात्राएं जीर्ण-तीर्ण भवन में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। भले ही प्रदेश में मॉडल स्कूलों के कितने ही दावे किये जा रहे हो धरातल कुछ और ही बयां कर रही है। मिली जानकारी के अनुसार जिला परियोजना कार्यलय अंतर्गत विकासखण्ड पिथौरा के 15 स्कूल को विभाग की ओर से डिस्मेंटल के लिए रिमार्क किया जा चुका है लेकिन अब भी भवन के अभाव में ज्यादातर जर्जर कक्षाओं में स्कूल संचालित हो रहे हैं। विकासखण्ड पिथौरा के समीपस्थ ग्राम गडबेड़ा की शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला की कक्षा दसवीं में पढऩे वाली छात्रा विभा पटेल ने प्रतिनिधि को बताया कि इस स्कूल में बारिश के दौरान छत टपकती है एक बार तो कक्षा लगने के दौरान ही छत का मलबा सिर में आकर गिर गया था जिसके बाद से वे दहशत में है।
हाई सेकेंडरी गड़बेड़ा की एक अन्य छात्रा पायल यादव ने बताया स्कूल की बिल्डिंग जीर्ण-शीर्ण है, कक्षाओं की कमी के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ज्ञात जो कि गड़बेड़ा के शासकीय हाईस्कूल में हायर सेकेंडरी भी संचालित होता है। जहां करीब 250 बच्चे वर्तमान में अध्यनरत हंै। वर्ष 2008 में 8 कमरों का नया भवन बना था, लेकिन अब उक्त भवन जर्जर स्थिति में है, दीवालों में बड़ी दरार आ गई है, जगह-जगह से सीमेंट उखड़ कर गिर रहा है ऐसी बदहाल स्थिति में बच्चे अपनी जिंदगी जोखिम में डाल कर पढऩे को मजबूर हंै। ज्ञात हो शाला प्राचार्य के द्वारा बीते वर्ष जिला शिक्षा अधिकारी को भवन के जर्जर होने की सूचना दी थी वह कभी भी कोई अपनी घटना घटना की जानकारी दी थी किंतु जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा इस हेतु कोई प्रत्युत्तर नहीं दिया गया। ग्राम गड़बेडा शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल जहां अध्यनरत छात्रा पूजा सिन्हा ने इस वर्ष दसवीं की बोर्ड परीक्षा में प्रदेश में नवां स्थान प्राप्त किया था उस स्कूल की हालत बदतर हो चुकी है। दीवारों में बारिश के पानी का रिसाव शुरू हो चुका है। विद्यालय के प्राचार्य मीनकेतन दास ने बताया विद्यालय भवन हाई स्कूल का है और विद्यालय में हायर सेकेंडरी के बच्चे भी अध्ययनरत हैं। कमरों की भी काफी समस्या है। उक्त विद्यालय में जर्जर होने की वजह से कक्षाओं में लगे पंखे विद्यालय के शिक्षक व बच्चे ऊपर गिर चुके हैं। स्कूल भवन में कभी भी बड़ी दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है । शाला विकास समिति विद्यालय शिक्षकों द्वारा कई बार भवन सुधार की मांग की जाती रही है। इस मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी एस चंद्रसेन से दूरभाष में संपर्क कर जानकारी लेनी चाही किंतु उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।