
छत्तीसगढ़ में संविदा कर्मचारियों ने रथयात्रा निकालकर सरकार को नियमितीकरण का वादा दिलाने का प्रयास किया। दरअसल, जब प्रदेश में भाजपा सरकार थी तब संविदा कर्मचारियों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था, तब भूपेश बघेल ने कहा था कि जब उनकी सरकार आएगी तो 10 दिन में नियमितीकरण कर दिया जाएगा। कांग्रेस सत्ता में तो आ गई मगर, उनके ही घोषणापत्र के 22वें नंबर पर कया गया वादा भूल गई।
संविदा कर्मचारियों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर अनोखा विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा कि भूपेश बघेल ने उनके प्रदर्शन का समर्थन देकर कहा था कि वह संविदा कर्मचारियों के लिए नियमितीकरण का तोहफा लाएंगे, किंतु सरकार के साढ़े साल गुजर जाने के बाद भी संविदा कर्मचारियों के संबंध में किसी प्रकार का कोई नियमावली ना ही किसी भी प्रकार की कार्य नहीं हुआ है। इसके कारण प्रदेश के सभी संविदा कर्मचारी सरकार के कार्यों से नाखुश हैं।
ऐसे में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग को लेकर रथ निकालकर सरकार को याद दिलाते रहेंगे। वह जल्द संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण करें अन्यथा हम काम बंद कर पूरे प्रदेश स्तर में उग्र प्रदर्शन करेंगे। संविदा कर्मचारियों के लिए बजट में कोई भी प्रावधान नहीं था, क्योंकि अभी जुलाई में अनुपूरक बजट आने की संभावना है। हम सरकार को याद दिलाने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि इस अनुपूरक बजट में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की घोषणा का हमारी मांग को पूरा करें।