मध्य प्रदेश में सागर जिले की खुरई तहसील का दलपतपुर गांव सांप्रदायिक सद्भाव की अनूठी मिसाल बनकर सामने आया है। यहां हनुमान मंदिर के पुजारी पंडित विनोद दुबे ने समाज के सभी वर्गों के लोगों को जोड़ा और इस्लाम की रीति रिवाज से गांव की ही मुस्लिम समाज की एक गरीब बेटी शालू का धूमधाम से निकाह कराया।
शालू के पिता मुन्नाा खां का कुछ साल पहले इंतकाल हो गया था। स्वजन की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि निकाह का खर्च उठा सकते। इसी वर्ष जनवरी में गांव में पुजारी के सान्न्ध्यि में एक यज्ञ हुआ, जिसमें सागर से झूला लगाने वाले आए। इसी दौरान एक युवक से मुन्नाा खां की बेटी के निकाह की बात चली। मगर, धन की कमी की वजह से निकाह अटका पड़ा था। यह जानकारी मिली तो पुजारी ने निकाह कराने की जिम्मेदारी उठाई। उन्होंने सभी समाज केलोगों को इकट्ठा किया। शादी तय हुई और बरात आई। पुजारी पं. दुबे सहित गांव वालों ने न केवल शादी का खर्च उठाया, बल्कि बरातियों सहित मेहमानों का खाना भी स्वयं बनाया। पुजारी ने बताया कि बेटियां किसी धर्म, समाज की नहीं होतीं। सभी की होती हैं। समाज ने सहमति दी तो यह कदम उठाया जा सका।