कोरबा। कल मैं देर रात को पहुंचा। प्रतिनिधियों पार्टी कार्यकर्ताओं व शहर के प्रबुद्धजनों से मेल मुलाकात करते रात के 2.30 बज गए जब सवेरे उठा तो मॉर्निंग वॉक में जाने की इच्छा हुई लेकिन जब बाहर का नजारा देखा तो बहुत चिंतित हो गया । मैंने स्वयं यह महसूस किया कि कोरबा वासी वास्तव में कितना प्रदूषण झेलते हैं। मैं हैरान था कि कोरबा शहर से लगे 15 किलोमीटर की परिधि में आखिर इतना प्रदूषण कैसे व्याप्त है । निश्चित तौर पर हमने जो महसूस किया, प्रदूषण की पीड़ा झेल रहे कोरबावासियों द्वारा जो बातें सामने लाई गई है ,उसकी पूरी रिपोर्ट केंद्र सरकार के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। वायु प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में ठोस प्रयास किया जाएगा , सभी पावर प्लांट व पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण से जुड़े विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर सार्थक समाधान निकाला जाएगा जरूरत पड़ी तो आवश्यक सख्ती बरतने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
उक्त बातें अश्वनी कुमार चौबे राज्यमंत्री भारत सरकार पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण ने मंगलवार को जिला पंचायत कोरबा में आयोजित प्रेसवार्ता में कही। केंद्रीय राज्यमंत्री श्री चौबे आकांक्षी जिला कोरबा की समीक्षा करने दो दिवसीय प्रवास पर कोरबा पहुंचे हुए थे। अधिकारियों जनप्रतिनिधियों की बैठक लेने के बाद जिला पंचायत सभागार में मीडिया से मुखातिब हुए । उन्होंने औद्योगिक संयंत्रों से उत्सर्जित राखड़ का सुरक्षित व अधिकाधिक उपयोगिता सुनिश्चित करने मीडिया के सुझाव पर बंद खदानों में फिलिंग करने एवं राष्ट्रीय राजमार्गों में अधिकाधिक उपयोग करने की बात कही। उन्होंने बताया कि कोरबा सहित देश के 132 शहर चिन्हांकित किए गए हैं। इसके लिए केंद्र ने आबंटन भी जारी किए हैं। जिसके तहत प्रथम किश्त के रूप में कोरबा को 1 करोड़ 6 लाख का आबंटन दिया गया है।
वायु प्रदूषण नियंत्रित करने केंद्रीय राज्य मंत्री श्री चौबे ने कोरबा में हाथी एवं मानव संघर्ष रोकने अब तक कोई ठोस प्रयास नहीं किए जाने सबंधी सवालों पर कहा कि हाथियों को उनके स्वभाव के अनुकूल उनके रहवास क्षेत्र में ही उन्हें रखने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। 1995 से प्रस्तावित लेमरू एलिफेंट रिजर्व योजना में भी हाथियों के मूवमेंट क्षेत्र को अवरोध उत्पन्न नहीं किया गया है। रही बात हाथी मानव संघर्ष की तो हाथी को भी बचाना है खुद को भी बचाना है इस सोच व कार्ययोजना के साथ काम करना होगा। हाथियों को मानव से दूर रखने हल्के करंट, सोलर फैंसिंग जैसे कई उपायों पर काम किए गए हैं। वन्य प्राणियों के संरक्षण संवर्धन के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हाथी को भगवान गणेश का प्रतिरूप माना जाता है हमें इस बात का भी ख्याल रखना होगा। उन्होंने कोरोना काल में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई गरीब कल्याण गरीब परिवारों के लिए वरदान बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की मंशा अनुरूप भूखा न रहे कोई भी ,भूखा न सोए कोई भी के तहत कार्य किया गया है। उन्होंने जनजातीय आधार पर योजना बनाने की बात कही।
उन्होंने कहा कि जनजातियों के सर्वांगीण विकास के लिए हमें कार्य करना होगा। इसके लिए सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास की सोंच के साथ जहां कम वहां हम के भाव की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने द्विफसलीय को बढ़ावा देने की बात कही।