आगरा -एक ओर कोरोना से लोगों की जान जा रही है। वहीं दूसरी ओर अस्पतालों की लापरवाही भी जमकर सामने आ रही हैं। ऐसे ही एक मामले में अप्रैल माह में आगरा के पासर अस्पताल में पांच मिनट के लिए ऑक्सीजन बंद करने से 22 लोगों की मौत हो गई थी। अब इस मामले की जांच कर रही समिति ने अस्पताल को क्लीन चिट दे दी है। समिति का कहना है कि उन्हें लापरवाही के कोई सबूत नहीं मिले।
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच आगरा के एक अस्पताल में ऑक्सीजन मॉक ड्रिल के दौरान 22 मरीजों की मौत की खबर को सरकारी जांच कमेटी ने गलत बताया है। इस मामले में अब डेथ ऑडिट कमेटी की रिपोर्ट सामने आई है. कमेटी ने ऑक्सीजन सप्लाई रोकने की वजह से 22 लोगों की मौत की बात से साफ इनकार कर दिया है। डेथ ऑडिट कमेटी ने कहा है कि ये बात बिल्कुल गलत है. मॉक ड्रिल के लिए किसी भी मरीज की ऑक्सीजन सप्लाई को बंद नहीं किया गया था. इस बात का कोई भी सबूत नहीं मिला है. साथ ही कमेटी ने इस बात को एक अफवाह और लोगों में भ्रम फैलाने वाली खबर बताया. उन्होंने कहा कि इस बात का कोई भी सबूत नहीं मिला है कि ऑक्सीजन सप्लाई रोकने की वजह से 22 मरीजों ने दम तोड़ दिया था।
जांच कमेटी की रिपोर्ट पर उठ रहे सवाल
वहीं जांच कमेटी द्वारा पारस अस्पताल को क्लीन चिट दिए जाने पर सवाल उठ रहे हैं. सवाल उठ रहे हैं कि प्रशासन के बयान के आधार पर ही रिपोर्ट बनाई गई है. हालांकि प्रसाशन की तरफ से इस सरकारी रिपोर्ट की कोई ऑफिशियल घोषणा नहीं की गई है. बतादें कि इस मामले के तूल पकडऩे के बाद आगरा के सीएमओ डॉक्टर आरसी पांडे ने कहा था कि वीडियो की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है, वह इस मामले की जांच करेगी। वहीं अस्पताल के मालिक अरिंजय जैन से वीडियो को लेकर सवाल किया तो उन्होंने भी इस बात को स्वीकार किया था कि ये वीडियो उनका ही है. अब जांच कमेटी की रिपोर्ट से ये साफ हो गया है कि ऑक्सजीन की कमी से अस्पताल में 22 लोगों की मौत नहीं हुई है. बतादें कि पिछले दिनों आगरा के एक प्राइवेट अस्पताल के मालिक का वीडियो तेजी से वायरल हुआ था.जिसमें उनको कहते हुए सुना जा रहा था कि 26 अप्रैल को ऑक्सीजन की कमी की वजह से सिर्फ 5 मिनट के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई को रोक दिया गया था. यह एक्सपेरिमेंट गंभीर मरीजों पर किया गया था. यह देखने की कोशिश की जा रही थी कि वो क्या वो लोग जरूरत पडऩे पर बिना ऑक्सीजन के भी जीवित रह सकते हैं. वीडियो में इस मॉक ड्रिल के दौरान 22 कोरोना और नॉन कोरोना मरीजों की मौत की बात पर भी संशय बना हुआ था. वीडियो के सामने आने के बाद अस्पताल मालिक अरिंजय जैन सवालों के घेरे में आ गए. वहीं जिला अधिकारी ने कहा था कि मामले की जांच की जा रही है.