पांच जून से पांच जुलाई के बीच तीन ग्रहण पड़ेंगे। इनमें से एक सूर्य ग्रहण व दो चंद्र ग्रहण होंगे। पांच जून को मांध चंद्र ग्रहण रहेगा, जबकि 21 जून को सूर्य ग्रहण रहेगा। वहीं, पांच जुलाई को मांध चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। ज्योतिषों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि अगर एक ही पक्ष में अर्थात माह के कृष्ण व शुक्ल पक्ष में दो ग्रहण दिखाई दें तो मौसम में अप्रत्याशित बदलाव लाता है। तेज बारिश, तूफान और तीव्र ठंड या गर्मी के प्रभाव के अलावा मौसमी बीमारी के प्रकोप की भी संभावना इसकी वजह से बनती है।
चंद्रग्रहणः रात 11.15 बजे होगा स्पर्श
ज्योतिष संतोष शर्मा ने बताया पांच जून को ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष पर मांध चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। इसका स्पर्श रात 11.15 बजे रहेगा। ग्रहण का मध्य रात 12.55 बजे और मोक्ष रात 2.34 बजे रहेगा। यह ग्रहण उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैंड, दक्षिण अमेरिका के पश्चिम भाग व रशिया के पूर्वोत्तर भाग को छोड़कर शेष पूरे विश्व में दिखाई देगा। वैसे मांध चंद्र ग्रहण होने से इसका धार्मिक दृष्टि से कोई महत्व नहीं है। इसमें किसी भी प्रकार का यम-नियम-सूतक आदि मान्य नहीं होंगे। फिर भी क्षितिज पर ग्रहण होने की वजह से इसका असर पड़ना स्वाभाविक है। इस ग्रहण के समय में शुक्र वक्री और अस्त रहेगा। गुरु, शनि वक्री रहेंगे। इसका प्रभाव भारत की अर्थव्यवस्था पर होगा।
चंद्रग्रहणः इसकी वजह से हो सकती हैं प्राकृतिक आपदाएं
पांच जुलाई आषाढ़ शुल्क पक्ष को मांध चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। इसका स्पर्श भारतीय समयानुसार सुबह 8.37 बजे होगा व मोक्ष सुबह 11.22 बजे होगा। यह ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, ईरान, ईराक, रूस, चीन व भारत के सभी पड़ोसी देशों को छोड़कर शेष संपूर्ण विश्व में दिखाई देगा। इस ग्रहण के भी मांध चंद्र ग्रहण होने की वजह से धार्मिक दृष्टि से कोई महत्व नहीं रहेगा। धरती पर दृश्य होने की वजह से इसका प्रभाव मानव जाति पर अवश्य रहेगा। इसकी वजह से प्राकृतिक आपदाएं और हावी हो सकती हैं। इस ग्रहण की वजह से जल प्रलय की भी आशंका रहेगी।
सूर्यग्रहण: खंडग्रास के रूप में दिखाई देगा
21 जून आषाढ़ कृष्ण पक्ष को कंकणाकृति खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा। यह ग्रहण भारत के कुछ भूभाग में खंडग्रास रूप में दिखाई देगा व कुछ भाग में कंकणाकृति रूप में दिखेगा। रविवार के दिन लगने वाले इस ग्रहण को चूड़ामणि ग्रहण भी कहा जाता है। इस ग्रहण के सूतक नियम आदि 20 जून की रात 10.09 बजे से मान्य होंगे।
21 जून की सुबह 10.09 बजे ग्रहण स्पर्श होगा। 11.47 बजे ग्रहण मध्य व दोपहर 1.36 बजे ग्रहण का मोक्ष रहेगा। इस ग्रहण का जनमानस पर व्यापक प्रभाव पड़ने वाला है। खासकर मृगशिरा व आर्द्रा नक्षत्र तथा मिथुन राशि पर इस ग्रहण का मुख्य प्रभाव रहेगा। मेष, सिंह, कन्या, मकर राशि पर शुभ। वृषभ, तुला, धनु, कुंभ राशि पर मध्यम और मिथुन, कर्क, वृश्चिक, मीन राशि पर उसके अशुभ प्रभाव रहेंगे। इस ग्रहण के अवधि काल में एक साथ छह ग्रह वक्री रहेंगे। इसमें बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, केतु हैं। ये ग्रह 21 जून को वक्री रहेंगे।