रायपुर। कोरोना टीकाकरण अभियान की रफ्तार कम होने के पीछे अफवाहों का हाथ होने का तथ्य सामने आने के बाद चिकित्सा विशेषज्ञ सक्रिय हो गए हैं। राज्य सरकार और संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ के विशेषज्ञों ने अफवाहों का खंडन किया है। विशेषज्ञों का कहना है, इस टीके से कोरोना संक्रमण होने की बात बिल्कुल गलत है। रायपुर स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर स्मृति चिकित्सालय के क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ. ओपी सुंदरानी का कहना है, अभी संक्रमण फैला हुआ है और बहुत से ऐसे लोग भी है जो संक्रमित हो चुके हैं, लेकिन बिना लक्षण के हैं। ऐसे लोग भी वैक्सीन की दूसरी डोज लगवा रहे हैं। यह केवल संयोग की बात है कि वैक्सीन लगने के बाद उनमें लक्षण आने लगे और जांच कराने पर पॉजिटिव आ रहे हैं, लेकिन वे वैक्सीन की दूसरी डोज से पॉजिटिव नहीं हुए बल्कि उसको लगवाने के 4-5 दिन पूर्व ही संक्रमित हो चुके होंगे। उनमें लक्षण नहीं नजर आए होंगे। कोरोना के लक्षण स्पष्ट रूप से सामने आने में ही 4-5 दिन लगते हैं और इस बीच वैैक्सीन लगवा ली तो ऐसा लगता है कि दूसरी डोज के बाद संक्रमित हो गए जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। यूनीसेफ के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. श्रीधर ने कहा कि वैैक्सीन की दोनों डोज लगाने के बाद संक्रमित होने के मामले बहुत कम आए हैं। आईसीएमआर ने आंकड़े जारी किए कि कोवैैक्सीन की दोनों डोज लगने के बाद केवल 0.04 प्रतिशत पॉजिटिव आए और कोवीशील्ड की दोनों डोज के बाद केवल 0.03 प्रतिशत पॉजिटिव आए जो कि नगण्य है। उसके मुकाबले ऐसे लोग अत्यधिक संख्या में संक्रमित हुए हैं, जिन्होंने वैक्सीन की एक भी डोज नहीं ली।