कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान में अभी देश में 15 साल से अधिक उम्र के किशोरों, वयस्कों और बुजुर्गों को वैक्सीन लगाई जा रही है। केंद्र सरकार का कहना है कि पांच से 15 साल के बीच बच्चों और किशोरों को टीका लगाने का फैसला विशेषज्ञों की सिफारिश के आधार किया जाएगा। देश में अब तक 77 प्रतिशत लाभार्थियों को लगाई जा चुकी हैैं दोनों डोज।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि विशेषज्ञों की समिति ने अभी इस आयुवर्ग के टीकाकरण को लेकर कोई सिफारिश नहीं की है। आम बजट पर भाजपा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने मांडविया यहां आए थे।
मांडविया ने कहा कि विज्ञानियों के समूह की सिफारिश के आधार पर यह तय किया जाता है कि किस आयुवर्ग को और कब से टीका लगाया जाना है। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों की सिफारिश के एक हफ्ते के भीतर सतर्कता डोज लगानी शुरू कर दी गई थी। पांच से 15 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण लगाने की सिफारिश मिलेगी तो उसे तुरंत लागू कर दिया जाएगा।
पिछले महीने की तीन तारीख से 15 से 18 वर्ष के बीच किशोरों का टीकाकरण शुरू किया गया था। उसके एक हफ्ते बाद यानी 10 जनवरी से सतर्कता डोज देना शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि इस समय देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। पर्याप्त संख्या में कोरोना रोधी वैक्सीन की डोज उपलब्ध है।
आंकड़ों के मुताबिक 75 प्रतिशत 15 से 18 साल वर्ग के बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है। जबकि, 96 प्रतिशत वयस्कों को पहली और 77 प्रतिशत को दोनों डोज लगाई जा चुकी हैैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि विशेषज्ञों की समिति ने अभी इस आयुवर्ग के टीकाकरण को लेकर कोई सिफारिश नहीं की है। आम बजट पर भाजपा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने मांडविया यहां आए थे।
मांडविया ने कहा कि विज्ञानियों के समूह की सिफारिश के आधार पर यह तय किया जाता है कि किस आयुवर्ग को और कब से टीका लगाया जाना है। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों की सिफारिश के एक हफ्ते के भीतर सतर्कता डोज लगानी शुरू कर दी गई थी। पांच से 15 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण लगाने की सिफारिश मिलेगी तो उसे तुरंत लागू कर दिया जाएगा।
पिछले महीने की तीन तारीख से 15 से 18 वर्ष के बीच किशोरों का टीकाकरण शुरू किया गया था। उसके एक हफ्ते बाद यानी 10 जनवरी से सतर्कता डोज देना शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि इस समय देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। पर्याप्त संख्या में कोरोना रोधी वैक्सीन की डोज उपलब्ध है।
आंकड़ों के मुताबिक 75 प्रतिशत 15 से 18 साल वर्ग के बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है। जबकि, 96 प्रतिशत वयस्कों को पहली और 77 प्रतिशत को दोनों डोज लगाई जा चुकी हैैं।