फुटबॉल की दुनिया के बेताज बादशाह लियोनेल मेसी का भारत दौरा किसी महाकुंभ से कम नहीं रहा। कोलकाता और हैदराबाद के बाद जब यह वैश्विक सितारा राजधानी दिल्ली पहुंचा, तो पूरा शहर मेसी के रंग में रंगा नजर आया। तीन दिनों के इस ऐतिहासिक दौरे ने भारतीय खेल प्रेमियों को कभी न भूलने वाला अनुभव दिया। हालांकि, इस दौरे की चकाचौंध और दीवानगी के बीच एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने सभी को हैरान कर दिया है। यह खबर मेसी के खेल कौशल से नहीं, बल्कि उनके बाएं पैर की उस कीमत से जुड़ी है, जो दुनिया के कई छोटे देशों की कुल अर्थव्यवस्था (जीडीपी) से भी कहीं ज्यादा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेसी के बाएं पैर का बीमा तुवालू, नाउरू, पलाउ और यहां तक कि डोमिनिका जैसे देशों की जीडीपी से भी अधिक है, जो उनकी वैश्विक अहमियत को दर्शाता है।
दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में मेसी का स्वागत एक ऐतिहासिक पल बन गया, जहां क्रिकेट और फुटबॉल का अनूठा संगम देखने को मिला। बीसीसीआई सचिव जय शाह ने मेसी का सम्मान करते हुए उन्हें एक बेहद खास तोहफा दिया। शाह ने मेसी को 2024 टी-20 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम के हस्ताक्षर वाला बल्ला भेंट किया, जिसे पाकर मेसी भी मुस्कुरा उठे। इसके अलावा उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी भी भेंट की गई। एक हाथ में फुटबॉल का जादूगर और दूसरे हाथ में क्रिकेट की विश्व विजेता टीम का बल्ला, यह दृश्य भारतीय खेल इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया है।
मेसी की चर्चा सिर्फ उनके खेल तक सीमित नहीं है, बल्कि उनकी वित्तीय सुरक्षा भी होश उड़ाने वाली है। मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, लियोनेल मेसी के पास दुनिया की सबसे महंगी स्पोर्ट्स इंश्योरेंस पॉलिसी में से एक है। उनके जादुई बाएं पैर का बीमा करीब 900 मिलियन डॉलर का है। अगर भारतीय मुद्रा में इसे बदला जाए, तो यह रकम लगभग 74 अरब रुपये होती है। यह आंकड़ा इतना विशाल है कि आम आदमी के लिए इसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। मेसी का बायां पैर ही वह अस्त्र है जिसने उन्हें दुनिया का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनाया है, यही वजह है कि इसकी सुरक्षा के लिए इतनी भारी-भरकम रकम खर्च की गई है।
मेसी के भारत आने पर फैंस को सबसे ज्यादा मलाल इस बात का रहा कि वे अपने चहेते खिलाड़ी को मैदान पर खेलते हुए नहीं देख सके। अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि मेसी ने कोई दोस्ताना या प्रदर्शनी मैच क्यों नहीं खेला। इसका जवाब उनकी इसी भारी-भरकम इंश्योरेंस पॉलिसी में छिपा है। दरअसल, इतनी बड़ी बीमा राशि होने के कारण मेसी आधिकारिक मैचों के अलावा किसी भी अनौपचारिक या प्रदर्शनी मैच (Exhibition Match) में मैदान पर नहीं उतरते। इसके पीछे बड़ा वित्तीय जोखिम होता है। अगर किसी प्रदर्शनी मैच के दौरान वे चोटिल हो जाते हैं, तो इंश्योरेंस कंपनियां उस गेम को कवर नहीं करतीं। ऐसे में करियर पर खतरा और करोड़ों डॉलर के मुआवजे का नुकसान हो सकता है। यही कारण है कि मेसी जैसे सुपरस्टार्स ऐसे दौरों पर सिर्फ अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं, लेकिन ‘किक’ लगाने का जोखिम नहीं उठाते।










