नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच देश में प्राकृतिक आपदा भी आ रही हैं। ताउते तूफान की मार से देश अभी उबर भी नहीं पाया था कि अब यास तूफान ने दस्तक दे दी है।मौसम विभाग ने चेतावनी जारी कर दी कि अगले 24 घंटे में चक्रवात यास बेहद गंभीर चक्रवात तूफान में तब्दील हो जाएगा। बुधवार को यास बंगाल और ओडिशा के तट पर पहुंचेगा। चक्रवात के टकराने के बाद भारी तबाही से बचने के लिए लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है। वहीं गृह मंत्रालय ने चक्रवात यास से प्रभावित होने वाले सभी राज्यों को आश्वासन दिया है कि मंत्रालय उनकी मदद के लिए 24 घंटे तैयार रहेगा। इसके अलावा भारतीय मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि 26 मई की दोपहर को चक्रवात यास उत्तरी ओडिशा और बंगाल के तटों से टकराएगा। वहीं ओडिशा-बंगाल में बारिश शुरू हो गई है। ओडिशा में चक्रवात यास के मद्देनजर पारादीप में तेज हवाओं के साथ समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं। पारादीप पोर्ट ट्रस्ट के चेयरमैन ने कहा कि चक्रवात यास के मद्देनजर पारादीप पोर्ट पर तैयारियां की जा चुकी हैं। जितने भी जहाज पोर्ट पर थे उसे पहले से ही सुरक्षित जगह पर भेज दिया है। चक्रवात से प्रभावित लोगों के लिए पोर्ट पर पांच शेल्टर बनाए जा रहे हैं जिसमें सभी प्रकार की सुविधा होगी। ओडिशा में चक्रवात यास के मद्देनजर पारादीप में एनडीआरएफ की टीम तैनात की गई है।
150-160 किमी/घंटा की रफ्तार से चलेंगी तेज हवाएं
तीव्र चक्रवाती तूफान यास की वर्तमान स्थिति पूर्व मध्य और पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी में है। आईएमडी भुवनेश्वर के वरिष्ठ वैज्ञानिक उमाशंकर दास का कहना है कि पिछले 6 घंटो के दौरान यह उत्तर पश्चिम दिशा की तरफ 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। वहीं तूफान यास के दौरान 150-160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है। ओडिशा सरकार ने निचले इलाकों बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर जिलों से करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है। इन जिलों में चक्रवात का खतरा ज्यादा है।
एनडीआरएफ की 149 टीम तैनात
एनडीआरएफ ने कुल 149 टीमों को तैयार किया है, इनमें से 99 को राज्यों के तटीय क्षेत्र में तैनात किया गया है। वहीं 50 को देश के अलग अलग हिस्सों में स्टैंडबाय में रखा गया है और जरूरत पड़ने पर इन्हें एयरलिफ्ट कर मोर्चे पर लगाया जाएगा। 52 टीमें ओडिशा, 35 बंगाल, पांच तमिलनाडु, तीन विशाखापत्तनम व झारखंड व एक अंडमान निकोबार में तैनात की गई हैं।