नई दिल्ली। सीबीआई के नए प्रमुख के चयन के लिए सोमवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. बैठक में भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कथित तौर पर एक नियम का हवाला दिया, जिसकी वजह से सरकार द्वारा शॉर्टलिस्ट किए गए कम से कम दो नाम लिस्ट से बाहर हो गए. यह जानकारी सूत्रों ने दी है. 90 मिनट की बैठक में पीएम मोदी, मुख्य न्यायाधीश और विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी वाले पैनल का पूरा फोकस पूर्व महाराष्ट्र डीजीपी व 1985 बैच के आईपीएस सुबोध कुमार जायसवाल, सशस्त्र सीमा बल के डीजी केआर चंद्र और गृह मंत्रालय के विशेष सचिव वीएसके कौमुदी पर रहा. हालांकि इनके अलावे एक नाम और चर्चा में आया, जो यूपी के पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी का था। सूत्रों ने बताया कि चर्चा के दौरान मुख्य न्यायाधीश रमना ने छह महीने के नियम का हवाला दिया, जिसको पहले सीबीआई डायरेक्टर के चयन के दौरान हमेशा नजरअंदाज किया गया. जस्टिस रमना ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का जिक्र किया, जिसके मुताबिक जिन अधिकारियों की नौकरी में छह महीने से कम का समय बचा है, उनका नाम पर पुलिस प्रमुख पद के लिए विचार ना किया जाए. साथ ही कहा कि चयन समिति को इस कानून का पालन करना चाहिए. पैनल में शामिल सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस नियम का समर्थन किया.