
लॉकडाउन में फंसे श्रमिकों के अपने घर तक पहुंचने की आपाधापी में रोज नए-नए नजारे देखने को मिल रहा है। दूसरे प्रांतों से सरगुजा के रास्ते उत्तरप्रदेश और झारखंड जा रहे मजदूरों की समस्याएं खत्म नहीं हो रही। मजदूरों की भीड़ को जो भी साधन मिल रहा है खतरों का सामना करते हुए उसी में सवार होकर रवाना हो रहे हैं। सरगुजा जिले के अंबिकापुर-बिलासपुर मार्ग पर उदयपुर, लखनपुर, अंबिकापुर के साथ बलरामपुर से झारखंड सीमा तक का इन दिनों जो नजारा देखने को मिल रहा है,वह बेहद चिंतनीय और खतरनाक भी है। बड़े-बड़े ट्रकों और हाईवा, ट्रेलर में खतरनाक तरीके से बैठकर लोग गंतव्य तक जा रहे हैं। चालक भी बेपरवाह होकर वाहन चला रहे हैं। वाहन की गति पर अंकुश नहीं है। यातायात व पुलिस प्रशासन भी कहीं भी इन्हें रोक-टोक नहीं कर रहा। लिहाजा किसी बड़ी अनहोनी से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
उदयपुर लखनपुर मार्ग में जिस तरीके से माल वाहकों में बैठकर लोग जा रहे थे वह बेहद खतरनाक नजर आया। इसे देखकर लोगों की सांसें थम सी गई। किसी भी तरह मजदूरों को अपने घर तक जाना है, इसलिए जान जोखिम में डाल चुके हैं। एक ट्रेलर वाहन में बड़े पैमाने पर सरिया लोड था उस खुले ट्रेलर में ही बड़ी संख्या में मजदूर सरिया के ऊपर बैठकर झारखंड की ओर जा रहे हैं, ऐसी स्थिति में कभी भी कोई गंभीर दुर्घटना हो सकती है।
लॉकडाउन में फंसे प्रवासी श्रमिकों का सरगुजा जिले में वापसी का सिलसिला प्रारंभ हो चुका है। सरगुजा जिले के विभिन्न क्वॉरनटाइन सेंटरों में 451 प्रवासी श्रमिक रुके हुए हैं। इनके लिए सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। आने वाले दिनों में प्रवासी श्रमिकों की संख्या और बढ़ेगी। क्वॉरनटाइन सेंटरों में प्रवासी श्रमिकों से निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन कराया जा रहा है।
सरगुजा जिला अब तक कोरोना संक्रमण से पूरी तरीके से मुक्त है। जिले में कुशल प्रबंधन के कारण कोरोना का एक भी केस सामने नहीं आया है। प्रशासनिक व्यवस्था तथा स्वास्थ्य विभाग की मुस्तैदी से सरगुजा ग्रीन जोन में है। प्रवासी मजदूरों की वापसी का सिलसिला शुरू होने के बाद और ज्यादा सावधानी बरती जा रही है। बाहर से आने वाले प्रवासी श्रमिकों को क्वॉरनटाइन सेंटरों में भेजा जा रहा है ताकि किसी प्रकार का कोई खतरा न रहे।
स्वास्थ्य परीक्षण के उपरांत प्रवासी श्रमिकों को संबंधित जनपदों के क्वॉरनटाइन सेंटर में भेजा जा रहा है। वर्तमान में 451 प्रवासी श्रमिक जिले के विभिन्न क्वारनटाइन सेंटर में रुके हुए हैं। जिला प्रशासन ने अपील की है कि बाहर से आने वाले श्रमिक या नागरिक सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग अथवा जिला प्रशासन को सूचना अवश्य दें ताकि निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन कराया जा सके। किसी व्यक्ति के बाहर से आने की जानकारी होने पर भी तत्काल सूचित करने जनता से अपील की गई है ताकि किसी प्रकार का कोई खतरा न रहे और ऐसे लोगों के लिए जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई जा सके।










