केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि लाकडाउन के दौरान एक राज्य से दूसरे राज्य में लोगों के बसों और ट्रेनों से आवागमन के लिए दी गयी छूट केवल फंसे हुए लोगों के लिए है और सामान्य रूप से अपने गृह राज्य जाने के लिए लोग इसका फायदा नहीं उठा सकते।
केन्द्रीय गृह सचिव ने आज सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि पूर्णबंदी के मद्देनजर बस और रेल के माध्यम से लोगों के एक राज्य से दूसरे राज्य में आवागमन की अनुमति केवल दूसरे राज्यों में फंसे लोगों के लिए है। दूसरे राज्य में काम करने जाने के बाद वहां अस्थायी रूप से रह रहे लोग अपने राज्य में सामान्य रूप से आने के लिए इस सुविधा का लाभ नहीं उठा सकते।
गृह सचिव ने स्पष्ट किया है कि यह सुविधा केवल फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों, श्रद्धालुओं, पर्यटकों , छात्रों और अन्य अटके हुए लोगों के लिए की गयी है। सामान्य तौर पर अपने गृह राज्य आने वाले लोग इसका फायदा नहीं उठा सकते। उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने पूर्णबंदी से संबंधित दिशा निर्देशों में ढील देते हुए 29 अप्रैल और एक मई को जारी आदेशों में कहा था कि फंसे हुए लोगों को वापस लाने के लिए विशेष बसें और ट्रेन चलायी जायेंगी।