कोरोना वायरस के कारण देश में लाकडाउन लगा हुआ है। इसके कारण पूरे देश में कामकाज और उद्योग-व्यवसाय ठप्प पडे हैं। इसका सर्वाधिक असर उनलोगों पर पडा है, जो छोटी-मोदी नौकरी करते थे या दिहाडी मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण करते थे। छत्तीसगढ के मुंगेली से भी बडी संख्या में लोग रोजी-रोटी कमाने के लिए मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल गए थे। मगर लाकडाउन की घोषणा के बाद सभी प्रकार की यातायात सुविधाएं बंद पडी हैं। इसके कारण लोगों का आवागमन नहीं हो पा रहा है। इसका असर छत्तीसगढ के मुंगेली 70-80 लोगों पर भी पडा है। वे लाकडाउन के कारण भोपाल में फंसे हैं।
भोपाल में फंसे इन 70-80 लोगों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खडा हो गया है। हर तरह का कामकाज बंद होने के कारण वे बेरोजगार हो गए हैं। उनके पास कोई काम नहीं होने के कारण आर्थिक संकट भी पैदा हो गया है। उनके पास अब न तो खाने का पैसा है और न ही मकान का किराया देने की स्थिति है। वे किराए का मकान भी खाली कर चुके हैं और बाहर जहां-तहां दिन गुजार रहे हैं। आज उनके पास न तो कोई काम है और न ही घर लौटने का साधन है। उनका कहना है कि सरकार की ओर से भी उनकों कोई सहायता नहीं मिल रही है। अब वह घर लौटना चाहते हैं। मगर रेल और सडक मार्ग पर सभी प्रकार के वाहनों का आवागमन नहीं होने के कारण वे फंसे हैं। उन्हें घर लौटने का साधन नहीं मिल रहा है।
भोपाल में फंसे मुंगेली के इन 70-80 लोगों का कहना है कि छत्तीसगढ सरकार उनकी सूध ले और किसी तरह उन्हें वापस उनके घर जाने की व्यवस्था करे, ताकि वे भी संकट के समय परिवार के साथ रह सकें।