राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत शोध में कोर्सवर्क की अवधि छह माह से बढ़ाकर एक वर्ष कर दी गई है। ऐसे में अब शोधार्थियों को एक वर्ष का कोर्सवर्क करना होगा। कोर्सवर्क में दो मुख्य विषय छह-छह क्रेडिट के तथा एक पेपर चार क्रेडिट का होगा। इस प्रकार कुल 16 क्रेडिट का कोर्स वर्क होगा। न्यूनतम 55 फीसद अंक या इसके समकक्ष सीजीपीए हासिल करने वाले शोधार्थियों को अब पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन रिसर्च (पीजीडीआर) का सर्टिफिकेट भी मिलेगा।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सभी विश्वविद्यालयों को अब एक वर्ष का कोर्सवर्क कराने के निर्देश दिए हैं। सत्र 2022-23 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप स्नातकोत्तर (पीजी) व पीएचडी में नवीन पाठ्यक्रम लागू करने को कहा है। उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस. गर्ग ने भी इस संबंध में सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से पत्राचार किया है। शासन के निर्देश पर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ एक वर्षीय कोर्सवर्क का पाठ्यक्रम बनाने में जुटा है, ताकि सत्र 2022-23 से इसे लागू किया जा सके।
थ्योरी के साथ शोध परियोजना भी : कोर्सवर्क में थ्योरी में तीन मुख्य पेपर के अलावा एक शोध परियोजना भी शामिल करना होगा। शोध परियोजना का प्राप्तांक ग्रेड शीट पर भी अंकित किया जाएगा, लेकिन सीजीपीए की गणना में इसे शामिल नहीं किया जाएगा। शासन ने विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के लिए आनलाइन कोर्सवर्क का प्रारूप बनाने का सुझाव दिया है।