पटना। अरुणाचल प्रदेश में जनता दल यूनाइटेड के 6 विधायकों के भारतीय जनता पार्टी में जाने से बिहार की राजनीति में भी उथल-पुथल मचने के आसार हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बॉडी लैंग्वेज से तो यही लग रहा है। नीतीश शुक्रवार को जब मीडिया से मुखातिब हुए, तो उनका अंदाज कुछ इस तरह का था, जैसे कह रहें हो – पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त। नीतीश ने कहा कि वे लोग चले गए हैं, लेकिन हमारी बैठक अभी बाकी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार एक-दो दिन में कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। नीतीश के इस बयान को बिहार की राजनीति में आने वाले भूचाल के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
2 साल में भाजपा ने दिए कई झटके
नीतीश कुमार की जदयू ने अरुणाचल प्रदेश में सात विधानसभा सीटें जीत सबको अचरज में डाल दिया था। लेकिन, अब उसकी सहयोगी भाजपा ने छह विधायकों को तोड़कर नीतीश को चौंका दिया है। यह तीसरा मौका है, जब भाजपा ने सीधे तौर पर जदयू को झटका दिया है। इससे पहले भी 2019 से लेकर 2020 तक केंद्र, बिहार और अब अरुणाचल प्रदेश में जदयू को मात खानी पड़ी है। शुरूआत लोकसभा चुनाव 2019 से हुई थी। जदयू 16 सीटें जीतकर केंद्र में गया, लेकिन मनमुताबिक मंत्रालय नहीं मिलने से उसे बैरंग ही लौटना पड़ा था। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में एनडीए के सभी घटक दल एक साथ लड़ रहे थे। लेकिन, लोजपा गठबंधन से बाहर निकलकर जदयू के खिलाफ चुनाव लड़ी। इसका भारी नुकसान जदयू को उठाना पड़ा। इस दौरान भाजपा ने चुप्पी साध ली थी। अरुणाचल विधानसभा में जदयू दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी। प्रदेश प्रभारी अशफाक अहमद खान ने बताया कि छह में से तीन विधायकों पर पहले ही कार्रवाई की गई थी। हालांकि, विधायक दल के नेता अभी भी जदयू के साथ हैं।