रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने आज जिला कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभाकक्ष में महिलाओं से उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर जन सुनवाई की। जन सुनवाई सोशल डिस्टेंसिंग और फिजिकल डिस्टेंसिंग तथा सेनेटाइजर का प्रयोग किया गया। महिला आयोग की अध्यक्ष्य नायक ने सुनवाई के लिए उपस्थित सभी पक्षकारों से चर्चा कर संबंधित प्रकरणों के स्थिति के संबंध में पूछताछ की। पूछताछ के दौरान उन्होंने जिला स्तरीय परिवार समिति में पचास प्रतिशत सदस्य महिलाओं का होना अनिवार्य बताया।
इन प्रकरणों में दिए एफआईआर के निर्देश
इसी क्रम में उन्होंने जिला पंचायत सदस्य लोरमी क्षेत्र क्रमांक-19 की हेमिन मंगेश्कर एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य मायारानी सिंह (बोड़तरा) को परिवार समिति में नियुक्त करने के लिए संबंधित को निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान आयोग की अध्यक्ष श्रीमती नायक ने आवेदिका कुमारी जे.जे. फ्लैण्डर की मारपीट और अभद्र व्यवहार आवेदन को गंभीरता से लिया और कुजेजे.फ्लैण्डर के प्रति मारपीट और अभद्र व्यवहार करने वालों के विरुद्ध पुलिस में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआरआई) दर्ज कराने के लिए कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए और इसका पालन प्रतिवेदन भी आयोग को प्रेषित करने का भी निर्देश दिए। इसी तरह उन्होंने नगर पंचायत लोरमी वार्ड क्रमांक 11 के तत्कालीन पार्षद द्वारा अपने सगे संबंधी को नौकरी दिलाने के प्रकरण को भी ध्यान से सुना और उनके दस्तावेज को देखने और परिक्षण उपरांत गंगोत्री राजपूत की नियुक्ति के प्रकरण को विस्तृत जांच कर दो माह के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देश दिये। इसी तरह उन्होंने सुनवाई के दौरान ग्राम पंचायत बघनी भांवर के पूर्व सरपंच एवं सचिव द्वारा पद का दुरुपयोग कर आवेदिका सरपंच मोगरा मरावी के बिना जानकारी के उनके डिजिटल हस्ताक्षर कर एक लाख उन्नहत्तर हजार राशि का भुगतान को गंभीरता से लिया और अनावेदक सचिव के स्वीकारोक्ति के पश्चात इस प्रकरण की गंभीरता और बढ़ जाने की बात कही। उन्होंने सरपंच मोगरा बाई मरावी की शिकायत आवेदन पर विस्तृत जांच रिपोर्ट दो माह के भीतर आयोग को प्रेषित करने के लिए जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती प्रीति पवार को निर्देश दिये। महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती नायक ने जन सुनवाई के दौरान शेष प्रकरणों के एक-एक बिन्दुओं का बारिकी से परीक्षण कर उपस्थित सभी पक्षकारों के समक्ष 8 प्रकरणों को नस्तीबद्ध किया।