नई दिल्ली। कई राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में फिर तेजी के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को ताजा दिशानिर्देश जारी किए। कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए जारी किए गए ये ताजा दिशानिर्देश 1 दिसंबर से 31 दिसंबर तक लागू रहेंगे। राज्यों को अपने यहां के हालात के हिसाब से नाइट कर्फ्यू जैसे फैसले लेने के अधिकार तो होंगे लेकिन केंद्र की पूर्व चर्चा के बगैर वे कंटेनमेंट जोन्स से बाहर लॉकडाउन का फैसला नहीं ले पाएंगे।
वेबसाइटों पर होगी कंटेनमेंट जोन्स की लिस्ट
गाइडलाइंस के मुताबिक कंटेनमेंट जोन्स में सभी एहतियातों के पालन कराने की जिम्मेदारी जिला प्रशासनों की होगी। कंटेनमेंट जोन्स की सूची को डिस्ट्रिक्ट कलेक्टरों और संबंधित राज्यों की वेबसाइटों पर प्रकाशित करना होगा। कंटेनमेंट जोन्स के लिए बनाए गए नियमों का पालन सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस, निगम और जिला प्रशासन की होगी। राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें इस बारे में अफसरों की जवाबदेही तय करेंगी।
कार्यक्रमों में अधिकतम 200 लोगों को इजाजत
नई गाइडलाइंस में भी सिनेमा हॉल्स, थिअटर्स, स्विमिंग पूल्स आदि को लेकर पाबंदियां जारी हैं। सिनेमा हॉल अभी भी 50 प्रतिशत दर्शक क्षमता के साथ चलेंगे। स्विमिंग पूल्स का इस्तेमाल सिर्फ स्पोर्ट्स पर्सन्स की ट्रेनिंग के लिए हो सकेगा। गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के मुताबिक किसी भी तरह के कार्यक्रम चाहे वे धार्मिक हों, सामाजिक हों, खेल से हों, मनोरंजन या शैक्षणिक हों, उसमें 200 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकते। हां, अगर राज्य सरकारें चाहें तो इस संख्या को 100 या उससे भी कम पर सीमित कर सकते हैं।
राज्यों को नाइट कर्फ्यू जैसे फैसले लेने की छूट
राज्यों को अपने यहां के हालात के हिसाब से नाइट कर्फ्यू जैसे फैसले लेने की छूट है। जिन शहरों में साप्ताहिक केस पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से ऊपर रहेगी, वहां दफ्तरों, फैक्ट्रियों, दुकानों आदि में वर्किंग आॅवर अलग-अलग समय पर करने की सलाह दी गई है ताकि एक ही समय में बहुत ज्यादा इम्प्लॉयी न आएं। हालांकि, राज्यों को कंटेनमेंट जोन्स से बाहर स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन (राज्य/जिला/सब डिविजन/शहर स्तर पर) लागू करने से पहले केंद्र के साथ चर्चा करनी होगी। बिना पूर्व चर्चा के स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लागू नहीं किए जा सकेंगे।
राज्यों को नाइट कर्फ्यू जैसे फैसले लेने की छूट
राज्यों को अपने यहां के हालात के हिसाब से नाइट कर्फ्यू जैसे फैसले लेने की छूट है। जिन शहरों में साप्ताहिक केस पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से ऊपर रहेगी, वहां दफ्तरों, फैक्ट्रियों, दुकानों आदि में वर्किंग आॅवर अलग-अलग समय पर करने की सलाह दी गई है ताकि एक ही समय में बहुत ज्यादा इम्प्लॉयी न आएं। हालांकि, राज्यों को कंटेनमेंट जोन्स से बाहर स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन (राज्य/जिला/सब डिविजन/शहर स्तर पर) लागू करने से पहले केंद्र के साथ चर्चा करनी होगी। बिना पूर्व चर्चा के स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लागू नहीं किए जा सकेंगे।