रायपुर। कोरोना की बंदिशों के बीच हरिद्वार में महाकुंभ 14 जनवरी से लगने जा रहा है। वैसे तो कुंभ में विदेशी श्रद्धालुओं के शामिल होने की मनाही है, लेकिन संक्रमण के चलते देश के लोग भी भीड़भाड़ वाली जगहों में जाने से अभी बच रहे हैं। ऐसे में गायत्री परिवार ने हरिद्वार को लोगों के घर तक पहुंचाने की कवायद की है। शांतिकुंज से छत्तीसगढ़ के लिए गंगा जल भेजा गया है जो मकर संक्रांति से पहले छत्तीसगढ़ पहुंच जाएगा। इसका वितरण 14 जनवरी को अंबिकापुर और बस्तर से शुरू होगा। राजधानी में गंगा जल वितरण 29 जनवरी से शुरू होगा। गायत्री परिवार की योजना प्रदेश के 10 लाख घरों तक गंगा जल पहुंचाने की है। इसके लिए 25 केंद्रों के अंतर्गत 100 उप केंद्र बनाए गए हैं। महाकुंभ 27 अप्रैल को खत्म होगा। इससे पहले घरों तक गंगा जल पहुंचाने की जिम्मेदारी शक्तिपीठ और प्रज्ञापीठ के कार्यकर्ताओं की होगी। जोन समन्वयक दिलीप पाणिग्रही ने बताया कि हरिद्वार से कंटेनर में गंगा जल भरकर ट्रेन और ट्रकों पर भेजा गया है। इनका वितरण शीशियों में किया जाएगा। महाकुंभ की खास तिथियों पर लोग इसी गंगा जल से घर पर ही पुण्य स्नान का लाभ ले सकेंगे।
-पुण्य स्नान के लिए अप्रैल तक ये 10 तिथियां खास
हरिद्वार में कुंभ 14 जनवरी से 27 अप्रैल तक होगा। इसमें स्नान 14 जनवरी मकर संक्रांति, 11 फरवरी मौनी अमावस्या, 16 फरवरी वसंत पंचमी, 27 फरवरी माघ पूर्णिमा, 13 अप्रैल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, 21 अप्रैल रामनवमी जबकि शाही स्नान 11 मार्च महाशिवरात्रि, 12 अप्रैल सोमवती अमावस्या, 14 अप्रैल मेष संक्रांति तथा 27 अप्रैल चैत्र पूर्णिमा को है। लोग स्नान तिथि पर गंगाजल से स्नान कर सकें। इसके लिए गायत्री परिवार ने 29 जनवरी से गंगाजल वितरण की योजना बनाई है।