किसी ने सच ही कहा है पंछी उन्मुक्त आकाश में ही ज्यादा प्यारे लगते हैं। जैसे ही इन्हें पिजरे में बंद करो इनको पहचान और वास्तविक व्यवहार खो जाता है।
ठीक यही बात मनुष्य के ऊपर भी लागू होती है। जब हम मन को स्वछंद और खुला छोड़ देते हैं तो उसमें नए विचार-व्यवहार सामने आते हैं। सोचने के शक्ति कई गुना बढ़ जाती है विकसित हो जाती है। यही स्वतंत्रता हमें सफलता की राह दिखाती है। इस लिए हमेशा अपने आप को एक पंछी की तरह उनमुक्त खुला छोड़ देना चाहिए। इससे नकारात्मक विचारों के लिये आपके जीवन मे कोई भी स्थान नही बचेगा और रास्ते अपने आप बनते नजर आएंगे।