केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक योजना के चौथे चरण के तहत जिला अस्पतालों को अपग्रेड करके 2027 तक 100 नए मेडिकल कालेज स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए मानव संसाधन की उपलब्धता को बढ़ावा देना है। केंद्र प्रायोजित योजना के तहत 60:40 के केंद्रीय और राज्य के हिस्से के आधार पर 325 करोड़ रुपये प्रति कालेज की अनुमानित लागत पर “जिला या रेफरल अस्पतालों को अपग्रेड करके नए मेडिकल कालेजों की स्थापना” के तहत कालेजों की स्थापना की जाएगी।
पूर्वोत्तर और विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए फंडिग पैटर्न केंद्र और राज्य के बीच 90:10 के अनुपात में है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि व्यय विभाग ने स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और इस संबंध में एक कैबिनेट नोट तैयार किया जा चुका है। निर्माण के विभिन्न् चरणों में हैं। ये प्रस्तावित 100 मेडिकल कालेज उन 100 जिलों में स्थापित किए जाएंगे जिनकी आबादी 10 लाख से अधिक है और जहां कोई निजी या सरकारी मेडिकल कालेज नहीं है।
योजना के चौथे चरण में जिला अस्पतालों का उन्न्यन कर 100 मेडिकल कालेज स्थापित करने के प्रस्ताव को व्यय वित्त समिति (ईएफसी) ने मंजूरी दे दी है, जिसके बाद एक कैबिनेट नोट तैयार किया गया है।” इसके अलावा, केंद्र प्रायोजित योजना में पहले तीन चरणों में पहले से ही स्वीकृत मौजूदा 157 मेडिकल कालेजों के साथ संलग्न नर्सिंग कालेजों की स्थापना के लिए प्रत्येक को 10 करोड़ रुपये प्रदान करने का एक नया घटक है। लेकिन इसके लिए एनएमसी के मौजूदा न्यूनतम मानक आवश्यकता विनियमों में संशोधन की आवश्यकता होगी जिसमें मेडिकल और नर्सिंग कालेजों की ऐसी कुर्की की अनुमति नहीं है।