मध्य प्रदेश के विदिशा जिले की गंजबासौदा तहसील के गांव लाल पठार में गुरुवार शाम कुएं को ढंकने के लिए बनाई गई स्लैब धराशायी होने से जो 27 लोग कुएं में गिर गए थे, उनमें से 11 की मौत हो गई। 27 में से 16 को गुरुवार को ही सकुशल बचा लिया गया था, जबकि 11 लोगों के शव शुक्रवार रात 10 बजे तक निकाले गए। मुख्यमंत्री शिवराज सिह चौहान ने मृृत व्यक्तियों के स्वजन को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।
गौरतलब है कि लाल पठार गांव में गुरुवार श्ााम 6:30 बजे गांव का ही 14 वर्षीय बालक रवि अहिरवार पानी भरते समय कुएं में गिर गया था। कुआं सीमेंट के स्लैब से ढंका हुआ था और पानी निकालने के लिए जरा सी जगह खुली थी। उसी खुली जगह में से रवि को बचाने के लिए तीन-चार लोग कुएं में उतरे। कुएं के अंदर अंधेरा था, इसलिए अन्य ग्रामीण्ा कुएं की स्लैब पर खड़े होकर अंदर मोबाइल की टार्च से रोश्ानी करने लगे। इसी दौरान स्लैब पर कौतुहलवश कुछ और ग्रामीण चढ़ गए। इनके वजन से अचानक स्लैब टूट गए और 27 ग्रामीण 30 फीट गहरे कुएं में जा गिरे। बारिश्ा के कारण कुआं 20 फीट तक भरा हुआ था। इन्हें बचाने के लिए अन्य ग्रामीणों ने कुएं की मुंडेर के पास ट्रैक्टर खड़ा किया व डीजल पंप से कुएं का पानी बाहर निकालने लगे। बारिश के मौसम के कारण कुएं की मुंडेर के पास की जमीन भी दलदली थी, इसलिए ट्रैक्टर व डीजल पंप के वजन तथा इनके चलने से पैदा हुए कंपन के कारण वह जमीन भी धंस गए। इससे ट्रैक्टर, पंप व बचाव में लगे राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) के कमांडेंट तथा दो जवान भी कुएं में जा गिरे। इसके बाद बाहर खड़े अन्य ग्रामीणों ने 16 लोगों को सकुशल बचा लिया, लेकिन जो गहरे पानी में थे, वे फंसे रह गए। प्रशासन को सूचना मिलने पर गुरुवार रात नौ बजे बचाव कार्य शरू हुआ था। भोपाल से पहुंचे बचाव दल ने शुक्रवार रात 10 बजे तक कुएं के मलबे में दबे सभी 11 शव निकाल लिए।