ग्वालियर हाई कोर्ट ने हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास काट रहे एक सैनिक को सजा पूरी होने के मात्र 14 दिन पहले दोषमुक्त कर दिया। यानी उसने 14 साल की सजा काट ली थी। अब सरकार 26 जनवरी 2021 को उसे रिहा करने जा रही थी। 11 दिन पहले हाई कोर्ट का आदेश आया कि उस पर अपराध नहीं बनता।
मुरैना के ग्राम भर्राद निवासी बलवीर सिंह यादव और राधेश्याम पर बामौर थाने में हत्या का केस दर्ज किया गया था। बलवीर सेना में राइफल मैन था। हत्या का एक केस दर्ज किया गया था। इसके बाद उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। पुलिस ने 2006 में बलवीर को गिरफ्तार किया और 2009 में अपर सत्र न्यायालय मुरैना ने उसे आजीवन कारावास सुनाई थी, जबकि राधेश्याम को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया था। बलवीर को ग्वालियर सेंट्रल जेल भेज दिया गया। उसने करीब 14 साल सजा काट ली।
कोविड-19 की वजह से हाई कोर्ट में सुनवाई बंद थी। तीन दिसंबर 2020 को अंतिम सुनवाई के प्रकरणों की सूची बनाई गई। ऐसे प्रकरण शामिल किए गए, जिनमें वकीलों ने सहमित दी थी। बलवीर के अधिवक्ताओं ने अंतिम बहस के लिए सहमति दी थी। तीन दिसंबर को अंतिम बहस हुई। अधिवक्ता एआर शिवहरे ने तर्क दिया कि गवाहों की गवाही में अपराध सिद्ध नहीं हो रहा है। केस की जो परिस्थितियां हैं, उन्हें नहीं देखा गया। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित कर लिया। शुक्रवार को बलवीर की याचिका में फैसला सुनाया गया और उसे दोषमुक्त कर दिया गया।