धमतरी। सड़क हादसे में बीती शुक्रवार की रात डेढ़ बजे एक ही परिवार के 5 सदस्य घायल हो गए। इन्हें अस्पताल में भर्ती तो किया गया, लेकिन 12 घंटे तक इलाज नहीं मिला। सभी गंभीर मरीज दर्द से रातभर कराहते रहे। लापरवाही ऐसी कि मरीज को भर्ती करने जगह नहीं होने से कोरोना संदिग्धों के लिए आरक्षित न्यू वार्ड में भर्ती कर दिया। यहां घायलों के परिवार के एक बीमार मरीज की मौत हो गई। एंटीजेन किट से रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। जानकारी के मुताबिक नगरी के सामुदायिक अस्पताल में 52 साल का व्यक्ति भर्ती था। इनकी हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने धमतरी रेफर किया। रात करीब 12 बजे 108 संजीवनी एंबुलेंस से मरीज को जिला अस्पताल लाया जा रहा था। एंबुलेंस के पीछे टीकाराम पटेल के साथ 5 लोग बोलेरो से अस्पताल मरीज को देखने आ रहे थे। रास्ते में करीब 1 बजे कंडक्टर सीट पर बैठे मनोज पटेल को नींद आई। झपकी लेते हुए वह स्टीयरिंग पर गिरा। गाड़ी चला रहे अखिलेश्वर स्टीयनिंग नहीं संभाल पाए। तेज रफ्तार बोलेरो पेड़ से टकरा गई। सभी के शरीर में गंभीर चोट आई। यह हादसा केरेगांव और ब्राह्मणपारा के पास हुआ। राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी। केरेगांव व नगरी की 2 एंबुलेंस से घायल मनोज पटेल, अखिलेश्वर पटेल, टीकाराम, सौहद्रा व जीतू को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती किया। नाइट ड्यूटी पर डॉ राकेश साहू तैनात थे। मरीजों का आरोप है कि रात में केवल दर्द का एक इंजेक्शन लगाकर छोड़ दिया। सभी को अंदरुनी चोट आई हैं। सुबह से दोपहर 1 बजे तक कोई भी डॉक्टर देखने नहीं आया। करीब 12 घंटे तक ठीक इलाज नहीं हुआ। दोपहर 2 बजे के बाद एक्स-रे कराया गया। तब आगे इलाज शुरू किया। लगातार केस आए, बावजूद सभी मरीजों का इलाज हुआ: हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश साहू ने बताया कि रात में लगातार केस आए। इसके बावजूद सभी मरीजों का बेहतर ढंग से इलाज हुआ है। जहर खाने, एक्सीडेंट व अन्य बीमार व्यक्ति अस्पताल आए थे। गंभीर मरीजों का पहले इलाज शुरू कराया। फिर अन्य घायलों का इलाज हुआ। इलाज नहीं होने का आरोप लगाना गलत है।
–अस्पताल में सैनिटाइजर भी नहीं
सड़क हादसे में घायल मरीज अपने परिजन को देखने अस्पताल आ रहे थे, जिन्हें कुछ देर पहले ही जिला अस्पताल में लाकर भर्ती किया था। इन्हें भी रात में बेहतर ढंग से इलाज नहीं मिला। सुबह करीब 9 बजे मौत हो गई। एंटीजेन किट से कोरोना टेस्ट हुआ तो रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधक को दी गई। नगर निगम की टीम दाह संस्कार करने शव लेकर चली गई। जिस वार्ड में मृतक भर्ती था, यहां मृतक के परिजन व दूसरे मरीज भी भर्ती है, लेकिन किसी अन्य का कोरोना टेस्ट नहीं किया गया। वार्ड को सैनिटाइज भी नहीं किया।
–संदिग्धों के वार्ड में सामान्य मरीज भर्ती कर रहे
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लगातार सावधानी रखी जा रही है, लेकिन जिला अस्पताल में ही लापरवाही हो रही है। अस्पताल में कोरोना संदिग्धों के लिए आईसोलेशन वार्ड बनाया है। यहां दो मरीज भर्ती है।
बेड की कमी के कारण न्यू वार्ड को भी कोरोना संदिग्धों के लिए आरक्षित रखा है, लेकिन यहां सामान्य बीमारी या दुर्घटना में घायल मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। ऐसे में सामान्य मरीजों में भी कोरोना संक्रमण का खतरा है। अस्पताल प्रबंधकों से मरीज के परिजन शिकायत भी कर चुके, लेकिन व्यवस्था नहीं सुधारी जा रही है।