सरकार ने बीते वित्त वर्ष के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर 8.50 ब्याज को मंजूरी दे दी है। ईपीएफ का संचालन करने वाले सेंट्रल बोर्ड आफ ट्रस्टीज (सीबीटी) ने केंद्रीय श्रम मंत्री की अध्यक्षता में इस वर्ष मार्च में इस ब्याज दर का निर्धारण किया था। उसके बाद उसे सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था। हालांकि यह ब्याज दर पिछले वर्ष जितनी ही है, लेकिन दीवाली से ठीक पहले सरकार ने यह फैसला लेकर ईपीएफ के पांच करोड़ से अधिक खाताधारकों को बड़ी राहत दी है।
सूत्र ने बताया कि कुछ ही दिनों में ब्याज की रकम खाताधारकों के खाते में जमा कर दी जाएगी।
सूत्र ने बताया कि कुछ ही दिनों में ब्याज की रकम खाताधारकों के खाते में जमा कर दी जाएगी।
गौर हो कि पिछले वर्ष मार्च में ईपीएफओ के ट्रस्टी बोर्ड ने उससे पिछले वित्त वर्ष यानी 2019-20 के लिए 8.50 प्रतिशत ब्याज दर का अनुमोदन किया था। यह दर पिछले सात वर्षों में सबसे कम रही थी, जिसे इस वर्ष भी जारी रखने का फैसला किया गया। उससे पहले वित्त वर्ष 2018-19 में ईपीएफ पर 8.65 प्रतिशत ब्याज दिया गया था। ईपीएफ पर वित्त वर्ष 2017-18 में 8.55 प्रतिशत, वित्त वर्ष 2016-17 में 8.65 प्रतिशत, 2015-16 में 8.80 प्रतिशत तथा 2014-15 और 2013-14 में 8.75 प्रतिशत ब्याज दर की पेशकश की गई थी। हालांकि वित्त वर्ष 2012-13 में यह 8.50 प्रतिशत और 2011-12 में 8.25 प्रतिशत रही थी।