मुस्लिम परिवार में जन्मीं अमरीना ने पप्पू के साथ सात फेरे लेने के बाद खुद को नई पहचान दे दी। हवन-पूजन कर अपना नाम राधिका रख लिया। कहने लगीं, यह निर्णय मेरे भविष्य के लिए सुखद होगा। भगवान में पहले ही आस्था थी, अब विवाह के बाद तीन तलाक का डर भी समाप्त हो गया। कुछ लोगों को इस रिश्ते से परेश्ाानी हो रही, इसलिए घर वापस नहीं जाऊंगी। पति पप्पू जहां चाहेंगे, वहां गुजर कर लूंगी। बुधवार को वह पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर सुरक्षा की मांग भी करेंगी।
बिजनौर की अमरीना और रामपुर के पप्पू कोरी के बीच मिस्ड काल से परिचय हुआ था। दोनों के बीच फोन पर बात होने लगी। करीब दो वर्ष पहले प्रेम संबंध हुए तो स्वजन ने विरोध शुुर कर दिया। पप्पू के अनुसार, हम दोनों जिदगी भर साथ रहने का निर्णय ले चुके थे इसलिए घर छोड़ दिया।
कुछ परिचितों के माध्यम से बिहारीपुर में पंडित केके शंंखधार के आश्रम के बारे में जानकारी मिली। इसी आधार पर सोमवार दोपहर को वहां पहुंचे। बालिग होने के प्रमाण दिखाकर विवाह की इच्छा जताई। इसी आधार पर महंत पंडित केके शंखधार ने विवाह कराया। अमरीना ने पूजन कर सात फेरे लिए। कहा कि अब मैं हिदू हूं, नाम राधिका देवी रख लिया है। पप्पू से परिचय के बाद ही तय कर लिया था कि विवाह कर सनातनी संस्कृति-परंपरा के अनुसार रहेंगे।