जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर किसी सैन्य प्रतिष्ठान या वादी में नववर्ष और गणतंत्र दिवस पर बड़े हमले के आतंकी षड्यंत्र को सुरक्षाबलों ने नाकाम बना दिया है। बुधवार सुबह भूसे से भरे एक ट्रक में छिपकर हथियारों के साथ कश्मीर की तरफ जा रहे चार आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में मार गिराया। यह मुठभेड़ जम्मू शहर के साथ गुजरते जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर सिद्धड़ा बाइपास पर तवी पुल के पास हुई। इस दौरान ट्रक में भी आग लग गई। मारे गए आतंकियों से भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं, जो इशारा कर रहे हैं कि आतंकी सुरक्षा बलों के साथ लंबी लड़ाई के इरादे से आए थे। हथियारों के आधार पर दावा किया जा रहा है कि मारे गए चारों आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती दस्ते के सदस्य थे। मुठभेड़ शुरू होने से पहले ट्रक का चालक फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश में जुट गई है। ट्रक में सहचालक था या नहीं, इसका भी पता लगाया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियां आतंकियों के रूट का पता लगाने में भी जुट गई हैं कि क्या ये आतंकी हाल में कोहरे की आड़ में सीमा पार से घुसपैठ कर आए हैं।
बुधवार को घने कोहरे में जम्मू-पठानकोट हाईवे पर कुंजवानी चौराहे से जब भूसा लदा एक ट्रक श्रीनगर के लिए सैनिक कालौनी-सिद्धड़ा-नगरोटा सड़क की तरफ मुड़ा तो नाके पर तैनात पुलिसकर्मियों को कुछ संदेह हुआ। उन्होंने उसी समय आगे की नाका पार्टियों को सचेत कर दिया। ट्रक चालक को संदेह न हो, इसलिए उसे अगले दो नाकों पर नहीं रोका गया और तब तक सिद्धड़ा में तवी पुल के अगले मुहाने पर जहां से एक सड़क जम्मू शहर में दाखिल होती है और एक सड़क नगरोटा हाईवे की तरफ जाती है, पुलिस दल ने मोर्चा संभाल लिया। ट्रक जैसे ही पहुंचा, पुलिस ने उसे रुकने का संकेत दिया। ट्रक चालक तुरंत नीचे उतरा।
पुलिसकर्मियों ने उसे ट्रक के कागजात दिखाने और भूसे की जांच कराने को कहा। ट्रक चालक ने इस पर हामी भरी और शौच के बहाने मौका पाकर समीप स्थित घने पेड़ों की आड़ लेकर भाग निकला। चालक को भागते देख नाका पार्टी का संदेह यकीन में बदल गया। उसे रोकेने को नाका पार्टी ने गोली भी चलाई, लेकिन वह भागने में कामयाब रहा। इस बीच ट्रक में भूसे की आड़ में छिपे आतंकियों को लगा कि वे फंस गए हैं तो उन्होंने अपने हथियार निकालकर नाका पार्टी पर फायर शुरू कर दीा जवानों ने खुद को बचाते हुए जवाबी फायर किया। इस बीच सेना के पैरा कमांडो का एक दस्ता भी मौके पर पहुंच गया।
मुठभेड़ शुरू होने लगभग चार घंटे बाद इस पूरे अभियान को अधिकारिक तौर पर समाप्त घोषित किया गया। इस दौरान चार आतंकी मारे गए। मुठभेड़ के दौरान चली गोलियों से ट्रक और उसमें लदे भूसे ने आग पकड़ ली। दमकलकर्मियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। भूसे में और आतंकियों के छिपे होने की आशंका के आधार पर पोकलेन मशीन (जेसीबी) से भूसे को खंगाला गया। इस अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने ड्रोन और एसाल्ट डाग का भी इस्तेमाल किया। मुठभेड़ के कारण नगरोटा-सिद्धड़ा-नरवाल बाइपास पर करीब छह घंटे तक वाहनों की आवाजाही बंद रही।
कहां से आए आतंकी, जांच जारी : एडीजीपी
जम्मू के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मुकेश सिंह ने मुठभेड़ में चार आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि ट्रक में दिखावे के लिए भूसा लदा हुआ था। उन्होंने कहा कि यह आतंकी पंजाब के रास्ते आए हैं या जम्मू संभाग के हीरानगर-सांबा सेक्टर के रास्ते, इसकी जांच हो रही है। मारे गए आतंकियों के शवों के डीएनए नमूने लिए गए हैं, जो जांच में सहायक होंगे। उनके पास से जो हथियार व अन्य साजोसामान मिला है, उनका भी आकलन किया जाएगा। इसके बाद ही हम पक्के तौर पर उनकी व उनके संगठन की पहचान के अलावा उनके मंसूबों के बारे में किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं।
ट्रक पर लगा रखी थी फर्जी नंबर प्लेट
आतंकियों को जम्मू से कश्मीर पहुंचाने के लिए इस्तेमाल ट्रक पर फर्जी नंबर प्लेट (जेके18-1226) लगाई थी, वह किसी गुलाम हसन नामक एक व्यक्ति के नाम पर पंजीकृत वाहन की थी। एडीजीपी मुकेश सिंह ने कहा कि ट्रक का चेसिस और इंजन नंबर भी मिटाया गया है। ट्रक को फारेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। जल्द ही ट्रक के असली मालिक का पता चल जाएगा।
इस तरह छिपे थे आतंकी
मारे गए चारों आतंकी ट्रक के पीछे लकड़ी के बने एक बाक्स (कैविटी) में छिपे थे, वहीं हथियार भी छिपाए गए थे और ऊपर तिरपाल डालकर आसपास भूसा लादा गया था। इस बाक्स में आने-जाने के लिए ट्रक के पीछे बने आपातकालीन छोटे दरवाजे से रास्ता था। अंदर हवा आने-जाने का भी पूरा प्रबंध था। इसमें बैठकर आसानी से छह से सात घंटे की यात्रा की जा सकती थी। हालांकि, आग लगने से ट्रक पूरी तरह से जल गया। इससे पहले भी ऐसे ट्रक आतंकियों द्वारा इस्तेमाल किए जाते रहे हैं। यह ट्रक शायद पुलिस की नजर में नहीं आता अगर यह तड़के चार बजे से पहले गुजरता, क्योंकि कश्मीर जाने वाले भूसे से लदे ट्रक सुबह पांच बजे के बाद इस क्षेत्र से नहीं गुजरते हैं। इसके अलावा कोई भी ट्रक अकेला नहीं होता, हमेशा तीन से चार ट्रक होते हैं।
ये हथियार बरामद :
सात एके-47 राइफल, एक एमआइ 682 5.56 एम अमेरिकन राइफल, चार चाइनीज ग्रेनेड, नौ छोटे ग्रेनेड, एके-47 की 11 मैगजीन, पिस्तौल के छह राउंड, चाइनीज पिस्तौल, पिस्तौल की एक मैगजीन, एके-47 के 331 राउंड, एक मोबाइल फोन, पचास हजार नकदी, ड्राइफूट, बिस्कुट, दवाइयां और पाकिस्तान में बनी चाकलेट। इसके अलावा आग में नष्ट हुए दो चाइनीज ग्रेनेड, 11 मैगजीन और एमआइ 682 की दो मैगजीन बरामद हुई हैं।