सरकार स्तरहीन सामान को लेकर काफी सख्त रुख अपनाने जा रही है। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) इसकी तैयारी में जुट गया है। अगले कुछ महीनों में घरों में इस्तेमाल होने वाली विभिन्न् प्रकार की वस्तुओं से लेकर औद्योगिक धातुओं से बने आइटम को लेकर गुणवत्ता नियंत्रण से संबंधित विभिन्न् निर्देश व मानक जारी किए जा सकते हैं।
डीपीआईआईटी सूत्रों के मुताबिक, गुणवत्ता के लिए नए सिरे से विभिन्न् मानक व निर्देश जारी करने के पीछे सिर्फ स्तरहीन आयातित सामान की बिक्री पर रोक लगाने का उद्देश्य नहीं है। बल्कि घरेलू स्तर पर भी इसे सुनिश्चित किया जाएगा। इससे मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में भारत की ब्रांडिग होगी और दुनिया को यह संदेश मिलेगा कि भारत में मिलने व बिकने वाली वस्तु घटिया स्तर की नहीं होती है। सूत्रों के मुताबिक गुणवत्ता नियंत्रण नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ सजा व जुर्माने का भी प्रविधान किया जाएगा। पहली बार पकड़े जाने पर दो लाख तो दूसरी बार में पांच लाख रुपये तक का जुर्माना वसूला जा सकता हैं। गुणवत्ता नियंत्रण से जुड़े नियमों के उल्लंघन पर दो साल की जेल का भी प्रावधान किया जा सकता है।
मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक, विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों के तहत किसी भी देश से किसी वस्तु के आयात पर रोक नहीं लगा सकते हैं, लेकिन हम गुणवत्ता नियंत्रण के नियम तय कर सकते हैं और उसका पालन आयातित वस्तुओं से लेकर घरेलू स्तर पर बनने वाले आइटम को लेकर करना होगा। दो साल पहले खिलौने के गुणवत्ता को लेकर मानक तय किए गए और उन्हें सख्ती से लागू करने से घटिया खिलौनों के आयात पर रोक लग गई। इसका फायदा यह हुआ कि घरेलू स्तर पर अच्छी गुणवत्ता वाले खिलौने का निर्माण शुरू हो गया।