पाश्चात्य जीवनशैली से प्रभावित होकर नई पीढ़ी चाकलेट, कोल्ड ड्रिक जैसे अस्वाथ्यकर पदार्थों का सेवन अधिक करने लगी है। एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि अगर हम नियमित रूप से अधिक चीनी व वसायुक्त इन पदार्थों का सेवन करने लगे हैं तो इसके लिए हम अपने मस्तिष्क को जिम्मेदार ठहरा सकते है, क्योंकि मस्तिष्क हमारे अंदर इन खाद्य पदार्थों की लालसा जगा देता है।
जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फार मेटाबलिज्म रिसर्च व अमेरिका के येल यूनवर्सिटी के शोधकर्ताओं का यह अध्ययन सेल मेटाबलिज्म जर्नल में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन का नेतृत्व करने वालीं व मैक्स प्लैंक से जुड़ीं लेखिका शर्मिली एडविन थनारजाह ने कहा कि अधिक चीनी व वसायुक्त पदार्थो के निरंतर सेवन से इन खाद्य पदार्थों को खाने की हमारी प्रवृत्ति विकसित हो जाती है जिससे हमारा वजन अत्यधिक बढ़ जाता है। लेकिन हमें लगता है कि इसके लिए मस्तिष्क जिम्मेदार है। इसका पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं ने एक समूह पर इसका परीक्षण किया।
टीम ने प्रतिभागियों के एक समूह को आठ सप्ताह तक उनके नियमित आहार से इतर अधिक चीनी व वसायुक्त खाद्य पदार्थ दिया। दूसरे समूह को भी टीम ने उतनी मात्रा में ही कैलोरी दी लेकिन वसा की मात्रा कम कर दी। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिस समूह ने अधिक चीनी व वसायुक्त खाद्य पदार्थ का सेवन किया उनका मस्तिष्क इन खाद्य पदार्थों के प्रति अधिक सक्रिय था। मस्तिष्क अवचेतन रूप से इन खाद्य पदार्थों को खाने की प्रेरणा देने लगता है। अध्ययन का मूल निष्कर्ष यही है कि अगर आप कुछ याद कर लेते हैं तो वह जल्दी नहीं भूलता है।