मध्य प्रदेश के उमरिया में विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व विस्थापित हुए गांव के एक कुएं से बाघ की पांच साल से भी ज्यादा पुरानी हडि्डयां पाई गई हैं। इस बारे में मिली जानकारी के अनुसार बाघ की यह हडि्डयां बांधवगढ़ के मगधी रेंज अंतर्गत विस्थापित हो चुके मिल्ली गांव के कुएं से पाई गई है। इस गांव को वर्ष 2016 में खाली कराया गया था। हाल ही में तीन साल से ज्यादा समय से बाड़े में बंद बाघ को भी इसी जंगल में छोड़ा गया है। इस बारे में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व ने एक विज्ञाप्ति जारी की है जिसमें बताया गया है कि बाघ की यह हडि्डयां एक अप्रैल को कुएं से बरामद की गई है और अब इन्हें फोरेंसिक जांच के लिए लैब में भेजा जा रहा है।
एक बाघ की पूरी हडि्डयां
मामले में सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है वह बेहद चौकाने वाली है। बताया गया कि 1 अप्रैल को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मगधी बीट के क्रमांक 299 के पास छपराहार में काफी समय से बंद पड़े कुएं से बाघ की 150 से ज्यादा हड्डियां (अवशेष) बरामद किया गया है। इस बारे में चर्चा के दौरान एसडीओ सुधीर मिश्रा ने बताया कि पाई गई हडि्डयां किसी एक ही बाघ की हैं और अवशेष देखकर यह प्रतीत होता है कि उसमें से बाघ की कोई भी हड्डी गायब नहीं है। यानी बाघ की मौत जब हुई होगी उसके पीछे वजह शिकार नहीं थी।
गांव खाली होने के बाद घटना
अनुमान लगाया जा रहा है कि बाघ की मौत गांव खाली होने के बाद कुएं में गिरने से हुई होगी। गांव खाली होने के बाद कुएं का उपयोग नहीं हुआ जिससे उसमें गिरने के बाद किसी को बाघ की जानकारी नहीं लग सकी। पांच साल से ज्यादा समय तक बाघ के अवशेष कुएं में ही पड़े रहे और किसी को भी इसका पता नहीं चल सका। चौकाने वाली बात यह कि बांधवगढ़ में बाघ की निगरानी और देखरेख के लिये इतना बड़ा अमला तैनात है फिर भी इस तरह की घटना प्रबंधन की नाकामी उजागर करता है।
150 से ज्यादा हड्डी
घटना स्थल मगधी गांव की तरफ का है जहां से नजदीक छपराहार क्षेत्र में जंगल के अंदर काफी समय से बंद पड़े कुएं में 150 से ज्यादा बाघ के अवशेष बरामद किया गया है। बाघ की हडि्डयां बरामद होने के बाद इस बात की चर्चा भी हो रही है कि अवशेष में बाघ का सिर और पंजा गायब है। हालांकि एसडीओ सुधीर मिश्रा का कहना है कि बरामद हडि्डयों में बाघ के शरीर में पाई जाने वाली सभी हडि्डयां मौजूद हैं। आगे की कार्रवाई एनटीसीए की गाइडलाइन और प्रोटोकाल के तहत की जा रही है। हड्डियां की जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजी जाएगी।