दंतेवाड़ा में पूर्व बस्तर सांसद एवं राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अजजा मोर्चा दिनेश कश्यप ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 58 फीसदी आरक्षण पर रोक को हटाना भाजपा सरकार द्वारा लागू किये गए आरक्षण की जीत है। कांग्रेस सरकार अपने पक्ष को सही तरीके से नहीं रख पाने से आरक्षण में कटौती की गई थी। इससे आदिवासियों का हनन हो रहा था।
भाजपा द्वारा लागू 58 प्रतिशत आरक्षण पर से सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्टे हटना भाजपा की आरक्षण पर प्रतिबद्धता की जीत है। दिनेश कश्यप ने भूपेश सरकार पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा कि आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम अभिनंदन करते हैं। इस फ़ैसले से न केवल प्रदेश की तत्कालीन भाजपा सरकार के 58 प्रतिशत आरक्षण का फैसला सही साबित हुआ है, बल्कि कांग्रेस इस मामले में दोहरी राजनीति करती रही है उसका भी पर्दाफाश हुआ है।
भाजपा शासन काल में लागू आदिवासियों के 32 आरक्षण पर कांग्रेसियों द्वारा षड्यंत्र कर हाई कोर्ट में याचिका लगवाकर अपात्र घोषित किए गए आरक्षण संशोधन अधिनियम 2012 को सुप्रीम कोर्ट ने स्टे दे दिया है। यह भाजपा की वैचारिक जीत है। अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को भी यह समझ लेना चाहिए कि वे संविधान से ऊपर नहीं हैं।
सही नीयत से कानून बनाने पर क्या होता है। यह माननीय सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से जाहिर हुआ है। अगर सच में आपकी नीति सस्ती राजनीति से प्रेरित नहीं, बल्कि वास्तव में वंचितों को न्याय दिलाने की होती है तो सारे संवैधानिक प्रावधानों पर विचार-विमर्श कर कानून बनाया जाता है जैसा भाजपा सरकार ने बनाया था। इसके उलट केवल समाज में विभेद पैदा करने, बांटो और राज करो की नीति के तहत समाज के बीच जहर फैला कर अपनी रोटी सेंकना होता है, वह कांग्रेस के कृत्यों से देखा जा सकता है।