प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का किरेन रिजिजू को कानून मंत्री के पद से हटा कर उनकी जगह अर्जुन राम मेघवाल कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी देना एक बड़ा बदलाव है। सूत्र बताते हैं कि किरेन रिजिजू का न्यायपालिका से लगातार टकराव कानून मंत्रालय छीने जाने का बड़ा कारण है। दरअसल, चुनावी वर्ष में सरकार न्यायपालिका से टकराव नहीं चाहती है। वहीं केंद्र में मेघवाल का कद बढ़ाकर भाजपा राजस्थान के खासकर दलित मतदाताओं को साधने की कोशिश कर रही है। राजस्थान में कुछ महीनों बाद विधानसभा चुनाव है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कैबिनेट में इस बदलाव को मंजूरी दे दी है। अब तक कानून एवं न्याय मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे किरेन रिजिजू को अब भू (पृथ्वी) विज्ञान मंत्रालय सौंपा गया है। रिजिजू की जगह पर अब अर्जुन राम मेघवाल कानून एवं न्याय मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालेंगे। उन्हें उनके मौजूदा मंत्रालय के साथ-साथ कानून और न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री के तौर पर स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया है।
रिजिजू को इस तरह से अचानक हटाने को चौंकाने वाला फैसला माना जा रहा है। सूत्रों बताते हैं कि न्यायपालिका और खासकर सुप्रीम कोर्ट के साथ टकराव में रहने के कारण ही किरेन रिजिजू से कानून मंत्रालय छीना गया है। कानून मंत्री बनने के बाद से ही रिजिजू लगातार जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम व्यवस्था की खुलकर आलोचना करते रहे थे। सुप्रीम कोर्ट और जजों को लेकर उनके कई बयान काफी विवादों में रहे। उनकी टिप्पणियों से सरकार और सुप्रीम कोर्ट के संबंध खराब होते जा रहे थे। इससे देश- दुनिया में यह संदेश जा रहा था कि भारत सरकार न्यायपालिका के साथ टकराव की मुद्रा में है।
रिजिजू ने जजों की नियुक्ति की वर्तमान कॉलेजियम व्यवस्था की खुल कर आलोचना करते हुए कहा था कि यह व्यवस्था पारदर्शी नहीं है और संविधान के लिए एलियन है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि कुछ रिटायर्ड जज और एक्टिविस्ट भारत विरोधी गिरोह के सदस्य हैं। इस तरह की बयानबाजी और टकराव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जज भी अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके थे।
हाल के दिनों में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को झटका देते हुए कई फैसले उसके खिलाफ किये थे और केंद्र को लेकर कई तल्ख टिप्पणियां भी की थी। दिल्ली में एलजी बनाम मुख्यमंत्री के अधिकारों की लड़ाई, एल्डरमैन की नियुक्ति और समलैंगिक विवाह सहित कई अन्य मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और टिप्पणियों से सरकार की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही थी। सर्वोच्च न्यायालय में केंद्र सरकार को लगातार असहज स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। सरकार चुनावी वर्ष में सुप्रीम कोर्ट के साथ कोई टकराव नहीं चाहती है क्योंकि शीर्ष अदालत की तल्ख टिप्पणियों से देश भर के मतदाताओं में गलत संदेश जाता है।
नए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल आईएएस अधिकारी रह चुके हैं। वह विनम्र स्वभाव के हैं और आमतौर पर टकराव और विवादों से दूर रहते हैं। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार में मेघवाल का कद बढ़ाकर भाजपा राजस्थान के मतदाताओं को भी खासकर प्रदेश के दलित मतदाताओं को साधने की कोशिश कर रही है, जहां कुछ महीनों बाद विधानसभा का चुनाव होना है। मेघवाल राजस्थान के बीकानेर से लोकसभा सांसद हैं और राज्य में अनुसूचित जाति के बड़े नेता माने जाते हैं।