दंतेवाड़ा न्यायालय ने नाबालिग लड़की को भगाने के दोषी को 20 वर्ष के कठोर कारावास और पीड़िता को 7 लाख की क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की सजा सुनाई है। दक्षिण बस्तर के दंतेवाड़ा जिले की अदालत में अपर सत्र न्यायाधीश शैलेश शर्मा ने छिंदगढ़ सुकमा के पोटा केबिन से नाबालिग छात्रा को जबरन भगा ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म करने के दोषी कटेकल्याण के ग्राम टेटम निवासी बामन मरकाम को सजा सुनाई है। दोषी बामन मरकाम को अलग अलग धाराओं के तहत सजा सुनाई गई। साथ ही पीड़िता को 7 लाख की क्षतिपूर्ति प्रदान करने का आदेश दिया। अर्थदंड अदा न करने पर प्रत्येक अर्थदंड की चूक के लिए एक-एक-एक वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतने का आदेश दिया है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
विशेष न्यायालय एफटीसी द्वारा उक्त प्रकरण में आरोपी बामन मरकाम को दोष मानते हुए बामन मरकाम को संहिता की धारा 363 के आरोप में तीन वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500/-रु का अर्थदंड ,धारा 366 के आरोप में तीन वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रु का अर्थदंड एवं अधिनियम की धारा 06 के आरोप में बीस वर्ष के कठोर कारावास एवं 1,000/ अर्थदंड से दंडित किया गया। अर्थदंड अदा न करने पर प्रत्येक अर्थदंड की चूक के लिए एक-एक-एक वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावार पृथक-पृथक भुगतने का आदेश दिया है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। अभियुक्त द्वारा अदा की गई संपूर्ण अर्थदंड की राशि पीडिता को क्षतिपूर्ति के रूप मंए प्रदान करने और पीडित को क्षतिपूर्ति योजना 2018 के अतंर्गत नियमानुसार क्षतिपूर्ति की राशि 7,00000/- ( सात लाख रुपये) प्रदान करने की अनुशंसा की गई है।