पहले लॉकडाउन तक सड़क पर कारोबार करने वालों को फायदा
रायपुर। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत केवल उन्हीं लोगों को 10000 तक का लोन मिलेगा, जो मार्च 2020 के पहले से शहर में सड़क पर कारोबार (स्ट्रीट वेंडिंग) कर रहे थे। पहले लॉकडाउन से अब तक इन ठेले, खोमचे, रेहड़ी और पसरा लगानेवालों की आर्थिक स्थिति संभल नहीं पाई है और ज्यादातर बेरोजगार हैं। यह लोन ऐसे ही लोगों को दिया जाएगा, क्योंकि इनमें से कइयों के पास दोबारा अपना कारोबार शुरू करने लायक पूंजी नहीं बची है।
नगरीय प्रशासन विभाग ने दो साल पहले राजधानी में सर्वे कर 5950 स्ट्रीट वेंडरों की पहचान की थी। लोन इन्हें ही मिलेगा। शहर में हजारों लोगों, खासकर महिलाओं ने इस लोन के लिए इस बहकावे में आवेदन किया है कि सरकार उनके खाते में 10 हजार रुपए जमा करने जा रही है, ऐसे सभी आवेदन रद्द कर दिए जाएंगे। जो लोग ऐसी अफवाहें फैलाकर आवेदन के लिए 350 रुपए तक वसूल रहे हैं, पकड़े जाने पर उनके खिलाफ चारसौबीसी की कार्रवाई होगी। योजना के तहत स्ट्रीट वेंडरों को आसान शर्तों पर लोन मुहैया कराने के लिए शहरी आजीविका मिशन को जिम्मेदारी दी गई है। आवेदन पत्र से लेकर इसकी पूरी प्रक्रिया निशुल्क है। नगर निगम मुख्यालय के कमरा नंबर 411 में लोग आवेदन पत्र ले सकते हैं। योजना के तहत शहरी आजीविका मिशन की ओर से कुल स्ट्रीट वेंडरों में से 70% बीपीएल और 30% एपीएल लोगों को ही लोन दिलवाया जाएगा। अब तक 4900 लोगों ने आवेदन किया है, जिसमें से 1100 मंजूर हुए हैं। जिनके आवेदन मंजूर नहीं हो रहे हैं, उन्हें स्ट्रीट वेंडर नहीं माना गया है।
अफसर-नेताओं को बताना होगा
नगर निगम से जुड़े अफसरों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि निगम से जुड़ी योजनाएं या ऐसे कोई भी काम जिसका संबंध नगर निगम से है, उनके बारे में लोगों को जागरूक और जानकारी देने की जिम्मेदारी निगम के संबंधित विभाग के अफसर तथा जनप्रतिनिधियों को है। सही जानकारी के अभाव में लोग धोखेबाजों के चंगुल में फंस जाते हैं और उनको नुकसान सहना पड़ता है। कुछ जनप्रतिनिधियों का कहना है कि कई बार उन्हें भी योजनाओं की जानकारी नहीं दी जाती है। इस वजह से वे अपने वार्ड में लोगों को नहीं बता पाते।
महिलाएं इसलिए ज्यादा आगे
शहरी आजीविका मिशन से जुड़े अफसरों का कहना है कि इस मिशन से ज्यादातर महिलाएं जुड़ी हुई हैं। छोटे-मोटे कारोबार करने वाले या घर पर ही विभिन्न तरह के व्यवसाय करने वाली बीपीएल वर्ग की महिलाओं के आवेदन भी मंजूर होंगे। हालांकि ज्यादातर आवेदन उन महिलाओं के हैं, जिनका कोई कारोबार नहीं है। लोगों के बहकावे में उन्होंने अपने बीपीएल राशनकार्ड और आधार कार्ड की कॉपी लगाकर आवेदन इस उम्मीद से किया है कि जल्दी ही खाते में 10 हजार रुपए आएंगे। अफसरों ने बताया कि आजीविका मिशन से जुड़ी तथा स्ट्रीट वेंडर लिस्ट में शामिल महिलाओं को ही लोन दिया जाएगा।
वसूली पर कार्रवाई
योजना का लाभ उन लोगों तक पहुंचना चाहिए, जिनके लिए यह बनाई गई। जो लोग गुमराह कर रहे हैं, अनावश्यक फायदा उठाने में लगे हैं, शिकायत मिलने पर ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर करवा देंगे।
-एजाज ढेबर, महापौर रायपुर