
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के भावसा में 50 में से 45 बंदरों की मौत के बाद वन विभाग कुंभकर्णी नींद से जाग गया है। अब शेष बचे 5 बंदरों को बचाने के लिए वन विभाग की टीम ने रेसक्यू शुरू किया है। दरअसल, भावसा सिंचाई योजना के डैम में पहली बार पानी से भर गया। डैम के बीच में कुछ पेड़ थे, उस पर 50 से अधिक बंदर बैठे थे। मगर, खाना नहीं मिलने से एक-एक कर 45 बंदरों की मौत हो गई। अब पेड़ पर 5 बंदर बचे हैं। उसे बचाने और निकालने के लिए एसडीओ अजय सागर और दो रेंजर सहित 15 वन रक्षकों का स्टाफ जुट गया है।
एसडीओ अजय सागर ने बताया कि एक नाव बनाई गई है। उस पर फल डाल दिए गए हैं। बंदर फल खाने के लिए नीचे नाव पर आएंगे तो नाव के जरिए बचाया जाएगा। अगर नहीं आए तो फिर सीढी की तरह दो-दो फिट की दूरी पर लकडी रखकर रस्सी से बांध कर रख दिया जाएगा और उसके जरिए निकालने का प्रयास किया जाएगा।
गौर हो कि दरअसल, बीते जुलाई में बारिश के दौरान भावसा डैम में अचानक पानी बढ़ गया। ऐसे में एक इमली और एक बरगद के पेड़ पर बैठे करीब 50 बंदर फंस गए। बंदरों ने पेड़ के पत्ते और छाल खाकर दिन काटे, लेकिन इस दौरान भूख से बेहाल होकर बंदर एक-एक करके पेड़ से गिरकर जल समाधि लेते गए। अभी इनमें से केवल 5 बंदर बचे हैं।