जगदलपुर। बस्तर के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने बुधवार देर रात दो ग्रामीणों की हत्या कर दी। दोनों ग्रामीणों के शव गांव के पास ही पड़े मिले हैं। नक्सलियों ने ग्रामीणों पर पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाया है। हालांकि घटना की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। मामला गंगालूर थाना क्षेत्र के दो अलग-अलग गांवों का बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, नक्सलियों ने कमानार के हपकापारा और गायतापारा के रहने वाले सन्नू उईका और सुनील उईका की हत्या की है। बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने दोनों ग्रामीणों को बुधवार देर रात घर से ही उनको अगवा कर ले गए थे। इसके बाद धारदार हथियार से मार डाला। हत्या के बाद दोनों के शवों को गांव के पास ही फेंक दिया गया है। बस्तर संभाग में नक्सलियों ने 2 दिसंबर से बंद का ऐलान किया है। नक्सलल पीएलजीए सप्ताह मना रहे हैं। इससे पहले पिछले 12 घंटे के दौरान जमकर उत्पात मचाया। उनके निशाने पर इस बार सिविलियन आ गए हैं। दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने सरपंच के पति की हत्या कर दी। वहीं बीजापुर में आईईडी ब्लास्ट कर टाटा सूमो को उड़ा दिया। जबकि दो ग्रामीणों की हत्या कर दी ।
-फोर्स से घबराए नक्सली, आम लोगों पर कर रहे हमला
फोर्स की बढ़ती धमक से घबराए नक्सली अब आम जनता पर हमला कर रहे हैं। चार दशक से बस्तर के जंगलों में समानांतर सत्ता चला रहे नक्सली इन दिनों घबराए हुए हैं। इसकी वजह यह है कि फोर्स लगातार कैंप खोलकर उनकी मांद में घुसती जा रही है। नक्सली फोर्स से निपट नहीं पा रहे हैं इसलिए अब आम जनता पर हमला कर रहे हैं। सोमवार और बुधवार को नक्सलियों ने अपनी खीझ मिटाने 4 ग्रामीणों की हत्या कर दी। उन्होंने फोर्स के कैंप के निमाज़्ण की सामग्री लेकर आ रहे आम ग्रामीणों से भरे सूमो वाहन को ब्लास्ट कर उड़ा दिया। ब्लास्ट में दो लोग घायल हुए हैं। पुलिस अफसरों की मानें, तो इससे नक्सलियों का विकास विरोधी चेहरा उजागर हो रहा है। सभी घटनाएं विकास को बाधित करने के इरादे से अंजाम दी गईं। हालांकि, जवानों का और आम आदिवासियों का मनोबल अब इतना ऊंचा है कि इस तरह की घटनाओं से कुछ नहीं होने वाला। बीते चार वर्षों में फोर्स ने उन जंगलों में कैंप खोल दिया है, जहां पहले गश्त करना भी मुश्किल माना जाता था।