छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में बीएड कि परीक्षा दिलाने से पहले ही सड़क दुर्घटना में घायल युवती ने अपने घायल पिता और परिवार की मेहनत और अपने सपने को साकार करने साहस का परिचय दिया। वह गंभीर अवस्था में ही परीक्षा देने पहुंची। उसके इस साहस को देख स्कूल प्रबन्धन ने भी सहयोग दिया।
कोन्दकेरा की नेहा सेन परीक्षा में शामिल होने के लिए अपने पिता योगेश्वर सेन के साथ बाइक पर जा रही थी, तभी नेशनल हाइवे 130सी पर बाइक को बस ने पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर के बाद पिता-पुत्री बाइक से उछल कर नीचे गिर पड़े। घटना के बाद बस चालक ने घायलों की मदद किए बगैर आगे बढ़ गया। कुछ युवको ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया। दुर्घटना से नेहा के सिर पांव और हाथो में गंभीर चोंट आई। वहीं पिता के पैर फैक्चर होने से जिला अस्पताल में उपचार जारी है। नेहा के पिता और परिवार का सपना नेहा को शिक्षक बनाना था, लिहाजा अपने सपनों के हौसले को पंख लगाकर सीधे परीक्षा केंद्र पहुंच गई।
सिर और पैर गंभीर चोट होने के कारण 2-2 टाकेँ लगे और पैर में बैंडेज बांध कर परीक्षा हाल में प्रवेश करती घायल युवती कोन्दकेरा की नेहा सेन है। गरियाबंद बारुका के पास सड़क दुर्घटना में घायल होने के बावजूद तत्काल इलाज कराकर गरियाबंद कन्या शाला में होने वाले बीएड परीक्षा में शामिल होने पहुंच गई। नेहा ने कहा कि परीक्षा हाल तक लाने में मेहनतकश पिता कि भावनाओं को ठेस न पहुंचे, इसलिए परीक्षा में शामिल हुई। दो पालियों में होने वाले परीक्षा का पहली पाली का एक घँटा निकलने वाला था। नेहा के हौसले को देखते हुए केंद्र प्रभारी ने भी घायल छात्रा को केंद्र में प्रवेश दिलाया।