
पेरिस पैरालंपिक खेलों में भारत का शानदार प्रदर्शन जारी है। गुरुवार को एक ही पदक देश के खाते में आया। दृष्टिबाधित कपिल परमार ने जे1 60 किग्रा पुरुष पैरा जूडो स्पर्धा में भारत को जूडो में पहला पैरालंपिक पदक दिलाया। भारत इस पैरालंपिक में 25 पार के लक्ष्य के साथ उतरा था और फिलहाल देश के खाते में 25 पदक हैं। 25 पार का लक्ष्य हासिल होने वाला है। आज यानी शुक्रवार को भारत 30 पदक के आंकड़े को छू सकता है। आज कई पदक दांव पर होंगे। शुक्रवार को सभी की निगाहें एथलेटिक्स पर होंगी जिसमें कई पदक दांव पर लगे होंगे। दीपेश कुमार (पुरुष भाला फेंक एफ54 फाइनल), प्रवीण कुमार (पुरुष ऊंची कूद टी64 फाइनल), भवनाबेन अजबाजी चौधरी (महिला भाला फेंक एफ46 फाइनल), सोमन राणा और होकाटो होटोझे सेमा (पुरुष गोला फेंक एफ57 फाइनल) की नजरें पदक पर होंगी। पैरा पावरलिफ्टिंग में कस्तूरी राजमणि महिलाओं के 67 किग्रा फाइनल में खेलेंगी। भारत के पास पेरिस पैरालिंपिक पदक तालिका में शीर्ष 12 टीमों में शामिल होने का शानदार मौका है। हालांकि, इसके लिए भारत को प्रतियोगिता के अंतिम तीन दिनों में ज्यादा से ज्यादा पदक जीतने की जरूरत है। 25 पदक जीतना भारत का पैरालंपिक में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इनमें पांच स्वर्ण, नौ रजत और 11 कांस्य पदक शामिल हैं। भारत ने टोक्यो पैरालंपिक में 19 पदक जीते थे।