
रायपुर, 9 फरवरी 2025 – मुख्यमंत्री ने 10 फरवरी को भूमकाल स्मृति दिवस के अवसर पर आदिवासी जननायक अमर शहीद गुंडाधुर को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि जल, जंगल और जमीन के अधिकारों की रक्षा के लिए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ संघर्ष करने वाले गुंडाधुर का बलिदान इतिहास में सदा अमर रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 फरवरी 1910 को बस्तर के वीर आदिवासियों ने अंग्रेजों के अन्याय और शोषण के खिलाफ भूमकाल विद्रोह का बिगुल फूंका था। इस आंदोलन में आदिवासी जननायकों ने अपने प्राणों की आहुति देकर स्वतंत्रता और स्वाभिमान की रक्षा की। गुंडाधुर के नेतृत्व में हुए इस संघर्ष में सीमित संसाधनों के बावजूद बस्तर के रणबांकुरों ने अंग्रेजी शासन की दमनकारी नीतियों को चुनौती दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमकाल विद्रोह न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के स्वाधीनता संग्राम का एक स्वर्णिम अध्याय है। उन्होंने कहा कि गुंडाधुर आदिवासी चेतना और स्वाभिमान के प्रतीक हैं। उनकी संघर्षगाथा अत्याचार, शोषण और अन्याय के विरुद्ध अडिग रहने की प्रेरणा देती है। मुख्यमंत्री ने संकल्प व्यक्त किया कि गुंडाधुर द्वारा जगाई गई स्वाभिमान और आत्मसम्मान की ज्योति सदैव प्रज्ज्वलित रहेगी और भूमकाल दिवस सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष की प्रेरणा देता रहेगा।