
सुप्रीम कोर्ट में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की सांविधानिक वैधता को चुनौती वाली याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई शुरू हुई। कोर्ट इस मामले में अंतरिम आदेश पारित कर सकता है। वहीं केरल सरकार ने इन याचिकाओं में हस्तक्षेप करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। राज्य सरकार ने कहा कि 2025 का संशोधन मूल वक्फ अधिनियम, 1995 के दायरे से भटक गया है और वक्फ संपत्ति रखने वाली इसकी मुस्लिम आबादी को वास्तविक आशंका है कि संशोधन संविधान के तहत उनके मौलिक अधिकारों को प्रभावित करेगा और उनकी वक्फ संपत्तियों की प्रकृति को बदल देगा।सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम आदेश पारित करने के लिए पहचाने गए तीन मुद्दों पर सुनवाई को सीमित करने का अनुरोध किया। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि तीन मुद्दों में अदालतों द्वारा वक्फ, उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ या विलेख द्वारा वक्फ घोषित संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करने की शक्ति शामिल है। इस पर वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और वक्फ कानून का विरोध करने वाले अन्य लोगों ने कहा कि कोई भी सुनवाई टुकड़ों में नहीं हो सकती।