उत्तर प्रदेश में हाफिज और मौलाना यानी धार्मिक विद्वान बनने के लिए अंग्रेजी सीखनी अनिवार्य होगी। इसके तहत दोनों ही पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने वाले छात्रों को ढाई वर्ष तक अंग्रेजी पढ़ने-लिखने, बोलने और समझने के काबिल बनाया जाएगा। इस पर तहरीक दावत-ए-इस्लामी इंडिया की पहल पर गोरखपुर के दो मदरसों में एक मार्च से अंग्रेजी की आनलाइन कक्षा शुरू हो चुकी हैं। छात्रों को अपने कोर्स के साथ अंग्रेजी की परीक्षा भी पास करना जरूरी होगा। गौर हो कि तहरीक पूरे देश में पांच सौ मदरसे संचालित करती है। जल्द उन सभी मदरसों में अंग्रेजी को अनिवार्य किया जाएगा।
गोरखपुर के अंधियारीबाग स्थित मदरसतुल फैजाने सिद्दीके अकबर एवं तकिया कवलदह स्थित जामियतुल मदीना फैजाने सूफी निजामुद्दीन में अंग्रेजी का आनलाइन एडवांस पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। प्रतिदिन 40 मिनट की कक्षा संचालित होती है। इसमें छात्रों को अंग्रेजी पढ़ना व लिखना सिखाया जाता है। मदरसतुल फैजान-ए-सिद्दीके अकबर में हिफ्ज (हाफिज) के लिए 120 तथा जामियतुल मदीना फैजाने सूफी निजामुद्दीन में आलमियत (मौलाना) के पाठ्यक्रम के लिए अब तक 52 छात्रों ने पंजीकरण कराया है। मदरसों में शिक्षकों की तैनाती होने तक छात्र आनलाइन अंग्रेजी पढ़ेंगे। इसके अलावा जामा मस्जिद रसूलपुर एवं काजी जी की मस्जिद इस्माइलपुर में प्रतिदिन दो घंटे की कक्षाएं संचालित कर बच्चों को अंग्रेजी सिखाई जा रही है।
तहरीक के जिलाध्यक्ष (निगरान) वसीउल्लाह अत्तारी ने बताया कि तहरीक लाकडाउन के समय से ही तमाम तरह के ऑनलाइन कोर्स चलाकर बच्चों से बड़ों तक की दीनी रहनुमाई कर रही है। इसके तहत तहरीक के हर मदरसे में अंग्रेजी का एडवांस कोर्स श्ाुरू किया जा रहा है, ताकि मौलाना व हाफिज बनने वाले छात्रों को श्ार्मिंदा न होना पड़े। इससे दुनियावी शिक्षा हासिल करने में भी मदद मिलेगी। ईद के बाद विज्ञान और गणित का भी एडवांस कोर्स शुरू किया जाएगा। शिक्षा पूरी तरह नि:शुल्क दी जाएगी। तहरीक का मिशन है कि पैसों की कमी की वजह से कोई बच्चा शिक्षा से महरूम न रहे।