नई दिल्ली- कोविड-19 के दौरान चाबहार बंदरगाह मानवीय सहायता के लिए कनेक्टिंग प्वाइंट के तौर पर उभरा। केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने वर्चुअली आयोजित मैरिटाइम इंडिया समिट 2021 में गुरुवार को कहा, ‘कोरोना काल में चाबहार बंदरगाह क्षेत्र में मानवीय सहायता मुहैया कराने के क्रम में कनेक्टिंग प्वाइंट साबित हुआ है। भारत ने चाबहार बंदरगाह के जरिए अफगानिस्तान को गेहूं भेजा।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मैरिटाइम इंडिया समिट 2021 के दूसरे एडिशन का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने एक ई-बुक को भी लॉन्च किया। मंडाविया ने आगे कहा, ‘चाबहार बंदरगाह भारत सरकार, ईरान और अफगानिस्तान का संयुक्त प्रयास है।’ उन्होंने आगे कहा, ’21वीं सदी जमीन से नहीं जुड़ा है। यह समुद्र, आसमान और अंतरिक्ष का सदी होगा।’ इस ओपनिंग सेशन में विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर ने 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ईरान के दौरे को याद किया जिससे भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच समझौता हुआ था। जयशंकर ने कहा कि आज के इवेंट में अपने क्षेत्रीय हितधारकों के साथ काम करने को लेकर भारत की मजबूत प्रतिबद्धता की झलक दिखती है। इनके अलावा इस समिट को संबोधित करने वालों में अफगानिस्तान के परिवहन मंत्री कुद्रातुल्लाह जाकी , रूस के उद्योग व व्यापार के डिप्टी मंत्री ओलेग एन रयाजांटसेव , अर्मेनिया के क्षेत्रीय प्रशासन व इंफ्रास्ट्रक्टचर मंत्री सुरेन पापीक्यान , ईरान के सड़क व शहरी विकास मंत्री मोहम्मद इस्लामी , उज्बेकिस्तान के उप परिवहन मंत्री एम चारियेव जासुरबेक , भारत में जलमार्ग के अतिरिक्त सचिव संजय बंदोपाध्याय भी शामिल थे। ईरान व अफगानिस्तान के साथ चाबहार बंदरगाह के त्रिपक्षीय इस्तेमाल को लेकर हुए समझौते की पांचवीं वर्षगांठ पर भारत ने 4 मार्च को मैरीटाइम इंडिया समिट 2021 की मेजबानी की। इस बैठक में ईरान-अफगानिस्तान के अलावा अर्मेनिया, कजाखिस्तान, उजबेकिस्तान के अलावा रूस को भी न्यौता दिया गया था।