बिहार में शराबबंदी है, मगर उसी बिहार सरकार के एक मंत्री के भाई का नाम अवैध कारोबारी के तौर पर दर्ज है। यह जानकारी विधानसभा में भाकपा (माले) के सदस्य अमरजीत कुशवाहा ने दी। वह उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के बजट पर जारी बहस में हिस्सा ले रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि शराब के अवैध कारोबार की कमाई सरकार के मंत्रियों तक पहुंच रही है।
कुशवाहा ने कहा कि राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय के पिता के नाम पर बने स्कूल में पुलिस ने छापेमारी की थी। यहां से बड़ी मात्रा में शराब की बरामद हुई थी। मंत्री के भाई को भी इस मामले में अभियुक्त बनाया गया है।
गौर हो कि यह वही मंत्री हैं, जिन्होंने अपने वेतन से बेहतर काम करने वाले विभाग के नौ अधिकारियों को मंगलवार को पुरस्कृत किया। उनमें तीन अपर जिलाधिकारी, तीन भूमि व राजस्व उप समाहर्ता, तीन अंचलाधिकारी शामिल रहे। साथ ही एलान किया कि बेहतर काम करने वाले अफसरों को मनचाही पोस्टिंग मिलेगी।
इस संबंध में अमरजीत कुशवाहा ने कहा कि शराबबंदी मजाक है। इसने युवाओं को अवैध कारोबार में धकेल दिया। कानून बना देने भर से शराबबंदी लागू नहीं हो जाएगी। इसके लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाना होगा। विधायक ने कहा कि शराबबंदी से जिनका रोजगार चला गया है, उनके लिए वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था होनी चाहिए।
राजद के रामकृष्ण सदा ने आरोप लगाया कि शराब का अवैध कारोबार घातक स्तर पर पहुंच गया है। गांवों में तबाही मची हुई है। गरीब लोग जेल भेजे जा रहे हैं। राजद के ही बच्चा पांडेय ने कहा कि शराब की होम डिलीवरी हो रही है।